इस्लाम धर्म की कुरीतियों
और पारिवारिक उत्पीड़न से तंग आकर मुस्लिम समुदाय की एक लड़की रोशन बानो ने सनातन
में घर वापसी कर ली है। मामला उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा का है। सनातन धर्म अपना चुकी
रोशन बानो ने कहा कि हिंन्दू धर्म में लड़कियों को सम्मान दिया जाता है, जबकि इस्लाम धर्म में महिलाओं को कोई सम्मान
नहीं मिलता। उन्होनें बताया की वे पहले से ही गीता पढ़ती रही हैं और स्वामी दयानंद
सरस्वती से अत्यंत प्रभावित रही हैं। वह बताती हैं कि 2012 में उनकी सरकारी नौकरी लगी। अपनी कमाई से उन्होंने अपने
परिवार और अपने भाई-बहनों की परवरिश की। मामला तब बिगड़ा जब 2019 में उन्होंने हल्द्वानी में मकान लिया और
घरवाले उसमें हक जमाने लगे। उनके पिता और भाई चाहते थे कि ये घर उनके नाम कर दिया
जाए। मना करने पर रोशन बानों के घरवाले
मारपीट और मानसिक उत्पीड़न करते। इस दौरान उन्होंने अनुभव किया कि हिन्दू परिवारों
में बहन बेटियों एवं बहु को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, उन्हें देवी तुल्य समझा जाता है, सनातन धर्म की इसी भावना ने रोशन बानों को
हिन्दू धर्म में घर वापसी के लिए प्रेरित किया।