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यूपी: सरकारी जमीनों की अवैध वक्फ दर्जीकरण पर कार्रवाई तेज, दोषी अधिकारियों की होगी पहचान

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लखनऊ। 

- इस संबंध में प्रदेश सरकार ने सभी 75 जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारियों को उन सरकारी संपत्तियों का पूरा ब्योरा देने का निर्देश दिया गया है

- संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज की गई हैं 

उत्तर प्रदेश में सरकारी जमीनों को अवैध रूप से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान की जा रही है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने सभी 75 जिलाधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारियों को उन सरकारी संपत्तियों का पूरा ब्योरा देने का निर्देश दिया गया है, जिन्हें गलत तरीके से वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।  

57,792 सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे की रिपोर्ट-  

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज की गई हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 11,712 एकड़ है। नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ के रूप में दान किया ही नहीं जा सकता था। रिपोर्ट के अनुसार, शाहजहांपुर, रामपुर, अयोध्या, जौनपुर और बरेली में इस तरह की संपत्तियां सबसे अधिक पाई गई हैं।  

दोषी अधिकारियों की होगी पहचान-  

शासन ने न केवल अवैध रूप से दर्ज संपत्तियों की सूची मांगी है, बल्कि उन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम और पदनाम भी उपलब्ध कराने को कहा है, जिनके हस्ताक्षरों से यह कार्य हुआ। इसके अलावा, यह भी जांचा जा रहा है कि दोषी अधिकारी वर्तमान में सेवा में हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं।  

हाईकोर्ट ने दिया था कड़ा निर्देश- 

इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 दिसंबर 2023 को प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि वह सीलबंद रिपोर्ट में अदालत को सूचित करे कि किन जिलों में सरकारी संपत्तियों को गलत ढंग से वक्फ के नाम दर्ज किया गया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि दोषी अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई की जाए।  

प्रशासन में मची खलबली- 

शासन के इस आदेश के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। अब जिलाधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट सौंपें, ताकि अवैध रूप से वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज की गई सरकारी संपत्तियों को मुक्त कराया जा सके और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।