समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) को लेकर उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. प्रदेश सरकार ने पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था. समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ड्राफ्ट का विधिक परीक्षण करने के बाद कैबिनेट में रखेंगे. इसके बाद ही विधानसभा में लेकर आएंगे. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में शुक्रवार को पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई की समिति ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी. समिति के सभी सदस्य और उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी उपस्थित रहीं.
समिति की ओर से ड्राफ्ट को लेकर कुछ नहीं बोला गया. मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ड्राफ्ट कमेटी ने बहुत मेहनत से लोगों से राय-मशविरा करके रिपोर्ट तैयार की है. हम उनका धन्यवाद करते हैं. समान नागरिक संहिता के लिए हमें पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की देवतुल्य जनता ने जनादेश दिया था. हमने उसी जनादेश के अनुरूप अपना काम संपन्न कराया है. इस रिपोर्ट का विधिक परीक्षण कराएंगे और फिर इसे कैबिनेट में रखा जाएगा. उसके बाद रिपोर्ट को विधानसभा पटल में रखेंगे.
विधानसभा चुनाव 2022 के बाद मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था. ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया. समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से सुझाव आमंत्रित किए. समिति ने उप समिति बनाकर समाज के विशिष्ट लोगों, समाजसेवियों, धार्मिक नेताओं, संतों और जागरूक नागरिकों के साथ चर्चा की और सुझाव लिए. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरान किया. जानकारी के अनुसरा, समिति को लगभग ढाई लाख सुझाव प्राप्त हुए. 30 अलग- अलग बैठकों में समिति को कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले. समिति ने केंद्रीय विधि आयोग के साथ भी चर्चा की. इस मैराथन कवायद के बाद समिति ने ड्राफ्ट तैयार किया है.