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समान नागरिक संहिता महिला सशक्तिकरण की दिशा में साबित होगा मील का पत्थर

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केंद्र सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अपना विशेष सहयोग प्रदान कर रही हैं. इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंदूडी भूषण द्वारा कहा गया कि लंबे समय से महिलाएं समाज की कमजोर कड़ी रही, जबकि उनकी भूमिका समाज व घर दोनों में सामान होनी चाहिए थी. 2014 के बाद मोदी सरकार ने महिलाओं के बारे में चिंता जताई और आधी आबादी के उत्थान को विभिन्न योजनाओं से संचालित करने के साथ सम्मानित भी किया गया.

उन्होंने समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कानून महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देकर मजबूती प्रदान कर रहा हैं. उन्होंने दिल्ली में सम्पन्न हुए राष्ट्र्मंडल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र के सम्मेलन में शामिल होने पर ये बातें कहीं. उन्होंने आगे कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की पहल न सिर्फ लिंग समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज में महिलाओं को सम्मान भी दिलाती हैं.

सम्मेलन के विषय सतत और समावेशी विकास पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने में महिलाओं की भूमिका मजबूत होगी. उन्होंने यह भी कहा कि सदन की प्रणाली में हमारे मूल्यों की दिखानी चाहिए. नीतियों और कानूनों में भारतीयता की भावना को बढ़ावा देना होगा, ताकि एक भारत-श्रेष्ठ भारत के स्वप्न को साकार किया जा सके. भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित एवं स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है.

केंद्र सरकार एक ऐसे नवभारत का स्वप्न सजा रही है, जिसमें महिलाएं आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बन सकें. सरकार की ओर से महिलाओं के सशक्तिकरण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.