आज युवाओं को जल्दी से कुछ खाना हो या पार्टी करनी हो तो तुरंत बिना सोचे सभी कहते हैं कुछ फास्ट फूड मंगा लेते हैं। लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक होता है इसका अंदाजा युवा पीढ़ी को बिल्कुल भी नहीं है। इसलिए युवाओं के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उत्तराखंड, कर्णप्रयाग के रहने वाले सुभाष रतूड़ी ने फास्ट फूड को हेल्दी फूड में बदलने के लिए अच्छा तरीका ढूंढ निकाला है।
इसके चलते वह देहरादून के मियांवाला में ‘मंडुवा किंग’ के नाम से मशहूर हो गये। सुभाष सभी फास्ट फूड मंडुवे से बनाते हैं। कई देशों के बड़े होटलों में नौकरी करने के दौरान अपनी मातृभूमि के प्रेम और पहाड़ के स्वाद ने उन्हें कुछ नया करने के लिए प्रेरित किया। फिर उन्होंने मोटे अनाज से फास्ट फूड आइटम बनाना शुरू कर दिया। इस तरह उन्होंने अपनी शॉप पर मंडुवे के मोमोज, पिज्जा, बर्गर, झंगोरे की खीर, मंडुवे के नूडल्स, मंडुवे की चाय, चाऊमीन, मंडुवा पराठा और मंडुवे की कॉफी भी बनाते हैं।
साल 2017 में छोटे स्तर पर हुई शुरुआत आज लोगों के दिलों पर राज कर रही है। उनकी यह यूनीक शुरुआत लोगों के लिए स्व और स्टार्टअप का प्रेरणा स्रोत बन गया है। इसी का परिणाम है कि सुभाष के यहां मोमोज, चाऊमीन खाने के लिए आज युवाओं के साथ-साथ उनके माता-पिता भी आते हैं। हालांकि यहां तक पहुंचने में सुभाष रतूड़ी को काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कहते हैं न यदि जुनून हो तो असंभव भी संभव हो जाता है।
मंडुवा के फास्ट फूड के साथ ही उन्होंने पहाड़ी उत्पादों से बने जूस के मॉकटेल को भी काफी फेमस कर दिया है। जिसकी दीवानगी इतनी है कि लोग दूर-दूर से सुभाष की दुकान पर खिंचे चले आते हैं। इस तरह उन्होंने युवा पीढ़ी को न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से जागरूक किया बल्कि मुंडवे के रूप में एक नये स्वाद से भी परिचित कराया।