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इस हवसी मानसिकता का क्या है इलाज ?

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“दरिंदगी की हद पार: मासूमों पर जुल्म, अब चुप नहीं रहेगा समाज!”

नैनीताल : उत्तराखंड की शांत वादियाँ इस वक्त कुछ घटनाओं को लेकर अशांत है। यहाँ की वादियां मासूम बच्चियों की चीखों से गूंज रही हैं और ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पहले नैनीताल और अब हरिद्वार में नाबलिग बच्चियों के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया है।  दोनों ही घटनाओं ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।

नैनीताल में एक 12 साल की हिन्दू बच्ची जब घर लौट रही थी, तब पड़ोस में रहने वाले 76 वर्षीय उस्मान ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने बताया कि लालच देकर उस हैवान ने उसे गाड़ी में बिठाया और फिर चाकू की नोंक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद बच्ची काफी दिनों तक डरी और सहमी रही और उसने इस बारे में किसी को नहीं बताया। जब बच्ची ने कुछ दिन बाद इस बारे में अपनी बड़ी बहन को बताया, तो फिर परिवारवालों ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है।

अभी नैनीताल में सुलगी आग बुझी भी नहीं थी की अब ताजा मामला हरिद्वार से सामने आ गया। यहाँ भी एक हिन्दू मासूम को एक मुस्लमान ने अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया। भगवानपुर तहसील की बुग्गावाला थाना पुलिस ने हिन्दू किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में त्वरित कार्रवाई की। आरोपी आसिफ को हरिद्वार में गिरफ्तार कर लिया गया है और पीड़िता को सुरक्षित बरामद किया गया। आरोपी पर अब दुष्कर्म की धारा भी जोड़ दी गई है।

दोनों ही मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी तो हो चुकी है, लेकिन क्या यह काफी है? क्या गिरफ्तारी से इनकी मानसिकता बदल जायेगी ? न जाने कैसे मजहब से आते हैं ये जिन्हें माँ, बेटी, बेहेन, जानवर किसी में कोई फर्क ही नहीं दिखता, इन्हें दिखता है तो बस हवस। आखिर कब सुधरेगी इनकी भोगवादी मानसिकता।

पिछले कुछ दिनों में बरेली, हाथरस, ठाणे, छत्तीसगढ़ और अब नैनीताल से इस तरह बच्चियों के संग दुष्कर्म का मामला सामने आया है जो हर किसी के हृदय को झकझोर कर रख देता है। इसके अलावा, बीते कुछ महीनों में वाराणसी, गुड़गांव, दिल्ली और भोपाल में महिलाओं व किशोरियों के साथ दुष्कर्म की खबरें सामने आई हैं। साल बीत रहे हैं...वक्त बदल रहा है लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जगह बदलती हैं, आरोपी बदलते हैं और पीड़िताएं बदलती हैं...लेकिन अगर कुछ नहीं बदलता है, तो वह है अपराधी का महजब। महिलाओं से लगातार हो रही ऐसी एक ही कौम को कटघरे में लाकर खड़ी कर देती है।