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स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य प्रथा को बढ़ावा देने के लिए देश में 100 फूड स्ट्रीट्स तैयार करेंगे

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सहयोग से एक अभिनव पहल की है. मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 100 जिलों में 100 फूड स्ट्रीट विकसित करने को कहा है. लोगों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक पायलट परियोजना के रूप में यह पहल की जा रही है. परियोजना का उद्देश्य खाद्य व्यवसायों और समुदाय के सदस्यों के बीच सुरक्षित और स्वस्थ भोजन प्रथा को प्रोत्साहित करना है, खाद्य जनित बीमारियों को कम करना और समग्र स्वास्थ्य परिदृश्य में सुधार करना है.

स्ट्रीट फूड परंपरागत रूप से भारतीय समाज का एक अभिन्न अंग रहा है और पूरे देश में मौजूद है. भोजन की समृद्ध स्थानीय परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं. स्ट्रीट फूड न केवल लाखों लोगों को सस्ती कीमत पर दैनिक आहार प्रदान करते हैं, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार भी प्रदान करते हैं और पर्यटन उद्योग को भी मजबूती देते हैं. स्ट्रीट फूड आउटलेट्स और हब्स में खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता एक चिंता का विषय है. जहां तेजी से शहरीकरण के साथ इन केन्द्रों ने भोजन तक आसान पहुंच का मार्ग प्रशस्त किया है, वहीं इसने भोजन के दूषित होने और हानिकारक और असुरक्षित खाद्य प्रथा के कारण स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को भी बढ़ाया है.

इस अनूठी पहल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के माध्यम से आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के आपसी तालमेल और एफएसएसएआई से तकनीकी सहायता के साथ कार्यान्वित किया जाएगा. पहल के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कमियों को ठीक करने के लिए प्रति फूड स्ट्रीट/जिलों के लिए 1 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. देश भर के 100 जिलों में ऐसी 100 फूड स्ट्रीट खोली जाएंगी. यह सहायता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत 60:40 या 90:10 के अनुपात में इस शर्त के साथ प्रदान की जाएगी कि इन फूड स्ट्रीट्स की मानक ब्रांडिंग एफएसएसएआई के दिशानिर्देशों के अनुसार की जाएगी.

राज्य स्तर पर नगर निगम/विकास प्राधिकरण/जिला कलेक्टर वित्तीय संसाधनों और भौतिक बुनियादी ढांचे के संदर्भ में अभिसरण सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पहल करेंगे. खाद्य सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए खाद्य संचालकों के प्रशिक्षण, स्वतंत्र थर्ड पार्टी ऑडिट और ईट राइट स्ट्रीट फूड हब ‘एसओपी फॉर मॉडर्नाइजेशन ऑफ फूड स्ट्रीट्स’ के प्रमाणन जैसी अन्य पहलें की गई हैं. दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएएनयूएलएम), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक घटक “शहरी स्ट्रीट वेंडर्स (एसयूएसवी) को समर्थन” जैसी योजनाओं को भी शुरू किया गया है. इसके अलावा, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्ट्रीट वेंडर्स को विभिन्न पहलुओं जैसे खाद्य सुरक्षा, स्वच्छता और अपशिष्ट निपटान आदि में उन्मुख करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित कर सकते हैं.