मेरठ, उत्तर प्रदेश
कहते है जहां चाह है वहां राह हैं, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है। मेरठ की एक महिला ने जी हां मेरठ की सोहनबीरी ने अपनी मेहनत ,लग्न और आत्मविश्वास से स्वंय के साथ- साथ गाँव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया, बता दें वह घर पर ही गाय के गोबर से पूजा के लिए उपले और जैविक खाद तैयार करती हैं। इसके अलावा वह मधुमक्खी पालन करके शुद्ध शहद भी बनाती हैं। जानकारी के अनुसार सोहनबीरी ने अब तक गाँव की 11 महिलाओं को काम देकर आत्मनिर्भर बनाया है और वर्तमान में 20-25 महिलाओं को गोबर से अलग-अलग उत्पाद बनाना सिखा रही हैं।
बताते चलें कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से उन्हें एक महीने का प्रशिक्षण मिला था, जहाँ उन्होंने गोबर से उपले, बैग और अन्य सामान बनाना सीखा। शुरुआत में वह मेलों में अपने उत्पाद बेचती थीं, लेकिन अब उनके सामान मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, पानीपत, करनाल और देहरादून जैसे शहरों में बिकते हैं। सोहनबीरी ने आज यह दिखा दिया की सच्ची मेहनत, लग्न और आत्मविश्वास से कोई मुकाम पाया जा सकता हैं। कोई भी काम न मुमकिन नहीं है। अगर दृढ़ता से कोई कार्य किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।