शाहजहांपुर,यूपी
शाहजहांपुर के युवा इंजीनियर अंशुल मिश्रा ने नौकरी छोड़ गांव में
ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर, वह आज फल और नर्सरी से लाखों कमा रहे
हैं ।
मेहनत और संकल्प से किया गया कोई भी कार्य छोटा बड़ा नहीं होता, देर भले ही होगी पर आपको सफलता अवश्य मिलेगी । इसका ताजा उदाहरण देखने मिला शाहजहांपुर के अंशुल मिश्रा के रूप में। जिन्हे न तो शहर की भाग दौड़ पसंद नहीं आई और न ही शहर की नौकरी । फिर क्या था 2018 में अंशुल शहर में सब छोड़कर गांव लौट कर खेती करने का निर्णय किया । जिसके लिए उन्होंने एक एकड़ बंजर जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करना शुरू किया । जो आज उन्हे लाखों का लाभ दे रही हैं । अपने बारे में बताते हुए अंशुल मिश्रा ने बताया की वो चेन्नई में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन उन्हें शहरों का जीवन पसंद नहीं आ रहा था । वह कहते हैं कॉलेज में ही उन्होंने खेती के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया था। फिर 2018 अपनी खेती पर कार्य प्रारम्भ किया, और देखते ही देखते इस बंजर जमीन पर अपनी मेहनत से अंशुल ने शाहजहांपुर, बरेली, फर्रुखाबाद और हरदोई जिलों में ड्रैगन फ्रूट के ग्राहकों का एक बड़ा व्यापार बना लिया साथ ही लगभग 7 वर्षों में अपनी खेती को पांच एकड़ तक बढ़ा लिया है ।
अब वह केवल खेती ही नहीं करते बल्कि नर्सरी चलाकर दोहरा लाभ कमा रहे हैं । लाभ की बात करे तो अंशुल के खेत में प्रति एकड़ 25 से 30 क्विंटल फल होते हैं। वो फल बेचकर प्रति एकड़ लगभग 4-5 लाख रुपये कमाते हैं । इसके अलावा वो अपनी नर्सरी से प्रतिवर्ष 18 लाख रुपये तक कमाते हैं । अंशुल की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो खेती में कुछ नया करना चाहते हैं । उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि सिर्फ इंजीनियर - डाक्टर ही नही बल्कि खेती भी एक फायदेमंद व्यवसाय हो सकता है ।