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युवा दंपती ने बदली गांव की तस्वीर, अपने घरों को वापस लौटने लगे लोग

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युवा दंपती ने बदली गांव की तस्वीर, अपने घरों को वापस लौटने लगे लोग


बागेश्वर जिले के लेटी गांव में, पहले जहां इस गांव में पानीबिजलीसड़क जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं थीं । जिससे लोग न चाहते हुए गांव छोड़कर जा रहे थे। लेकिन जब एक युवा दंपतीगोविंद सिंह और उनकी पत्नी ने गांव की जिम्मेदारी संभालीतो स्थिति धीरे-धीरे बदलने लगे।  गांव में सड़कें बनींबिजली आईपानी की व्यवस्था हुई और खेल का मैदान भी तैयार हुआ। 

जब मन में कुछ अच्छा करने की अभिलाषा हो और साफ नियत हो, तो कोई भी बड़ा बदलाव संभव है। ऐसा ही बदलाव देखने को मिला है बागेश्वर जिले के लेटी गांव में, पहले जहां इस गांव में पानी, बिजली, सड़क जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं थीं । जिससे लोग न चाहते हुए गांव छोड़कर जा रहे थे । लेकिन जब एक युवा दंपती, गोविंद सिंह और उनकी पत्नी ने गांव की जिम्मेदारी संभाली, तो स्थिति धीरे-धीरे बदलने लगे।  गांव में सड़कें बनीं, बिजली आई, पानी की व्यवस्था हुई और खेल का मैदान भी तैयार हुआ। और लोगों के लिए स्वरोजगार के मौके भी बढ़े, जिससे गांव में रहने का वातावरण बनने लगा । जहां पहले लोग गांव छोड़ रहे थे, अब वही लोग वापस लौटने लगे हैं ।


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बता दे पहले गांव की आबादी पलायन के वजह से केवल 250 रह गई थी, लेकिन अब यह बढ़कर 400 हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोविंद सिंह वर्ष 2008 में गांव के प्रधान बने और 2009 से गांव में कायाकल्प होना शुरू हुआ।  जिसके बाद गांव का विकास होता ही गया और 2014 में भारत सरकार ने लेटी गांव को पुरस्कार से भी सम्मानित किया । आज के समय में लेटी गांव एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं। हम सबके लिए की अगर सोच मजबूत हो ।  तो बड़ा हो या छोटा.. बदलाव लाया जा सकता है। जिसकी शुरुआत हमे स्वंय करनी होगी ।