आपकी थाली में देसी पकवानों के साथ देसी अचार भी सजा हो तो क्या कहेंगे आप?
वाह... वाह... क्या बात है!
लेकिन अचार बाजार से लाए हैं, तो सेहत की थोड़ी चिंता सताने लगती है.. कि पता नहीं कैसे तेल-मसाले और सब्जियों का इस्तेमाल किया गया है... तो आज हम आपके लिए लाए हैं... ऐसा वीडियो... जिसे देखने के बाद आप बाजार के मिलावटी अचार को पक्का कहने वाले हैं... 'ना'!
तो सबसे पहले मिलिए मुरादाबाद के उस किसान से, जिन्होंने अपने प्रयास से, अचार को हर घर की पहली पसंद बना दिया है!
रवि धारीवाल का नया प्रयोग
ये हैं मुरादाबाद के किसान, रवि धारीवाल। इन्होंने न सिर्फ ऑर्गेनिक खेती को एक नया स्तर दिया, बल्कि अपने 'घर के तेल, देसी मसालों' से ऐसा जादू किया कि लोग इनके अचार के दीवाने हो गए। किसान रवि धारीवाल का कहना है कि हम सिर्फ खेती नहीं करते, हम शुद्धता उगाते हैं। मेरे अचार का सबसे बड़ा राज है— जीरो मिलावट। जिस तरह हम अपने घर के लिए फसल तैयार करते हैं, उसी तरह मेरा हर अचार तैयार होता है।रवि जी के अचार में इस्तेमाल होता है शुद्ध ऑर्गेनिक तेल, और उनके अपने खेत के देसी, प्राकृतिक मसाले। ये वही तरीका है जो हमारी दादी-नानियां इस्तेमाल करती थीं।
10 से अधिक ऑर्गेनिक अचार तैयार
उन्होंने 10 से भी अधिक तरह के ऑर्गेनिक अचार तैयार किए हैं, और हर एक में स्वाद और सेहत का बेजोड़ संगम है। घर वाला स्वाद है। न ज्यादा खट्टा, न ज्यादा तीखा, पूरी तरह शुद्ध.. ये एक बार खाने के बाद कोई और अचार पसंद ही नहीं आता।
यही कारण है कि उनके अचार की डिमांड अब मुरादाबाद शहर से निकलकर दूसरे शहरों तक पहुँच चुकी है। लोग ऑनलाइन भी इसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं। शुद्ध सामग्री से बना यह अचार लोगों को तेजी बाजार के मिलावटी उत्पादों से दूर कर रहा है।
रसोईघर ऑर्गेनिक तो सेहत की गारंटी
रवि धारीवाल खेती के साथ-साथ रसोईघर को भी ऑर्गेनिक बनाने की अपील कर रहे हैं। उनका मानना है कि जब खाने में शुद्धता होगी, तो सेहत अपने आप अच्छी रहेगी। अपने रसोईघर को भी ऑर्गेनिक बनाइए।
मुरादाबाद के किसान और कारोबारी रवि धारीवाल का ये प्रयास मिलावटी चीजों से परेशान लोगों की थाली में स्वाद का बेजोड़ तड़का लगा रहा है। वहीं वे ऐसे युवाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत हैं,जो खेती में नित-नए प्रयोग कर किसान के साथ-साथ बाजार तक सीधा जुड़ना चाहते हैं। क्योंकि आज लोकर फॉर वोकल के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है।



