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पति ने किया प्रताड़ित तो अनपढ़ ऊषा बन गईं आत्मनिर्भर

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वाराणसी, उत्तर प्रदेश

सफलता स्कूली पढ़ाई और उम्र की मोहताज नहीं होती, इसके लिए चाहिए सिर्फ हौंसला, दृढ़ता और सटीक लक्ष्य। लक्ष्य तय हो, मन में दृढ़ विश्वास हो और हौंसला बना रहता है और यदि हौंसला है तो पत्थर को तोड़कर रास्ता बनाया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है बाबा विश्वनाथ की नगरी की रहने वाली ऊषा ने। जो कभी स्कूल की दहलीज पर भी न पहुंची लेकिन अब 50 हजार रुपये प्रति माह की आमदनी कर रही हैं। वाराणसी के विद्यापीठ ब्लॉक की निवासी ऊषा का विवाह तो पति प्रताड़ित करने लगा। लेकिन उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में हार मानने के बजाय, अपने बच्चों की परवरिश और एक बेहतर जीवन के लिए खुद रास्ता चुना।


पति की प्रताड़ना से तंग आकर, उषा ने अपने और अपने बच्चों के लिए आत्मनिर्भर बनने की ठानी। उन्होंने एक नया सफर शुरू किया- मुर्गी पालन का स्टार्टअप!  ऊषा ने यह स्टार्टअप मात्र 100 मुर्गियों के साथ शुरू किया। उनकी मेहनत और दृढ़ता का परिणाम है कि आज उनके पास 2200 मुर्गियां हैं। ऊषा प्रत्येक 45 दिन में 60 से 70 हजार रुपए की आमदनी कर रही हैं। आज ऊषा अपनी हर जरूरत अच्छी तरह पूरी कर रही है। उन्होंने न मात्र अपने लिए बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी एक मिसाल पेश की है कि अगर मन में कुछ करने का हौसला हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

ऊषा का पोल्ट्री फार्म.

उषा ने साबित कर दिया कि मुश्किलों को अवसर में बदला जा सकता है और अक्षर ज्ञान के बिना भी महिलाएं भी अपनी मेहनत के दम पर आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख सकती हैं।