वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रक्षाबंधन न केवल एक त्यौहार है, बल्कि यह भरोसे और सुरक्षा के वादे का एक मजबूत प्रतीक भी है। यह पर्व हर साल भावनाओं के नए रंग लेकर आता है, लेकिन इस बार वाराणसी में रक्षाबंधन ने कुछ अलग ही मिसाल पेश की। जी हां वाराणसी में धर्म और मजहब की दीवारें उस वक्त ढह गईं, जब हिंदू और मुस्लिम बहनों ने एक साथ बैठकर न सिर्फ राखियां बनाई, बल्कि एकजुट होकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना स्नेह और आशीर्वाद भेजा बताते चलें की वाराणसी के लमही क्षेत्र स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिला फाउंडेशन के बैनर तले एक आयोजन हुआ, जिसमें मुस्लिम और हिंदू महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं।
महिलाएं टिक्की, सितारा, गोटा और किरन से सजी हुई सुंदर राखियां तैयार कर रही थीं। इन राखियों में सिर्फ धागा नहीं था, बल्कि उसमें देश के लिए प्रेम, एकता और गर्व की भावना भी बुनी गई थी। कई राखियों पर “ऑपरेशन सिंदूर” लिखा गया था — ये वही ऑपरेशन है जिससे जुड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के स्वाभिमान और सुरक्षा को एक नई पहचान दी। इन राखियों को विशेष रूप से मोदी जी को भेजा गया है। वहीं कुछ महिलाओं ने प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाली राखियां भी बनाई, वही कार्यक्रम की खास बात यह थी कि मुस्लिम बहनों के साथ-साथ हिंदू बहनें भी चटक सिंदूर लगाकर शामिल हुईं। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदस्य नजमा परवीन ने भावुक होकर कहा, “हम सब बहनें मिलकर प्रधानमंत्री मोदी को राखी भेज रही हैं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश की हर महिला का सम्मान बढ़ाया है। ये हमारी तरफ से उनका धन्यवाद है।” वहीं अर्चना भारतवंशी ने कहा, “हमने मोदी जी की लंबी उम्र की कामना की है। उन्होंने जिस तरह से पाकिस्तान को जवाब दिया, वो हर भारतीय के गर्व की बात है। जो लोग मोदी जी का विरोध करते हैं, उन्हें बनारस की मुस्लिम बहनों की ये राखी एक जवाब है।”