देहरादून
कहा जाता है कि नेत्र दान करने वाला व्यक्ति
मृत्यु के बाद भी "जीवित" रह सकता है क्योंकि उनका कॉर्निया किसी और के
जीवन मे प्रकाश फैलाता है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के किद्दूवाला, रांझावाला और तुनवाला गांव के दस लोगों ने सामूहिक रूप से नेत्रदान और
अंगदान का संकल्प लिया। श्री दुर्गा माता मंदिर में दधीचि देहदान समिति की ओर से
कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित जनजागरण गोष्ठी के दौरान सभी 10 लोगों ने
संकल्प पत्र भरा। आपको बता दें हरादून में दधीचि देहदान समिति द्वारा चलाए जा रहे
जनजागरण अभियान से समाज में अंगदान और नेत्रदान को लेकर जागरूकता शीघ्रता से बढ़
रही है। इस अभियान का सकारात्मक प्रभाव अब
गांव-गांव में दिखाई देने लगा है। वही समिति के माध्यम से अब तक 486 संकल्प लिए जा
चुके हैं, जिनमें से 18 देहदान और 43 नेत्रदान
सफलतापूर्वक सम्पन्न हुए हैं। हालांकि लोगों की इस पहल से समाज को सकारात्मक संदेश
मिला है। जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा लेंगे। जानकारी के अनुसार इस दौरान श्री
दुर्गा माता मंदिर समिति के अध्यक्ष दीपक वोहरा, रणवीर सिंह
थापा, देवेन्द्र सिंह छेत्री, शीला थापा, अंजू थापा, मंजू थापा, अनूप छेत्री, केदार सिंह, उषा उनियाल, पूनम अग्रवाल एवं कृष्ण कुमार अरोड़ा आदि मौजूद
रहे।