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पाकिस्तान से आए शरणार्थियों ने बनवाया था बरेली का श्री रामायण मंदिर

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बरेली के माधोबाड़ी स्थित श्री रामायण मंदिर का निर्माण पाकिस्तान से आए शरणार्थियों ने कराया था। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अनिल अरोड़ा ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास के महाप्रयाण के बाद उनके शिष्यों ने कई स्थानों पर गुरु गद्दी स्थापित की। पाकिस्तान के मरदान जिला निवासी बाबा नंद लाल गोस्वामी के तीन पुत्र थे- दशबंदी राममेहर दास व मूलराज। मूलराज अपने पुत्र रामेश्वर दास के साथ बरेली आ गए। गोस्वामी तुलसीदास जी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने मंदिर स्थापना के लिए पहल की। 964 में गोस्वामी रामेश्वर दास ने इस मंदिर की नींव रखी थी। यह परिवार अपनी जान पर खेल कर पाकिस्तान से जाम साहब की चौकियां अपने साथ यहां लेकर आए थे।यह शहर के खूबसूरत मंदिरों में से एक है। 15 दिनों तक चलने वाला तुलसी जयंती महोत्सव इस मंदिर की पहचान है।

वर्तमान गुरु गोस्वामी देवेंद्र जी महाराज के पिता गोस्वामी रामेश्वरदास ने अपना संकल्प पूरा करने के लिए अपनी समस्त पूंजी लगाकर 27 मई 1964 को इस मंदिर की नींव रखी। वर्ष 1969 में श्री रामायण मंदिर में भगवान के विग्रह को स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा की गई। गर्भ गृह में देवी दुर्गाशिव-पार्वतीगणेश जीवृषभश्री राघवेंद्र सरकारगोस्वामी तुलसीदासहनुमान जी व राधा-कृष्ण के विग्रह स्थापित हैं।