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सनातन में लौटी महक, कहा-पिता और भाई रखते थे गंदी नजर

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बरेली,यूपी

उत्तराखंड  की रहने वाली महक ने अपने प्रेमी ऋषि राय के साथ बरेली में हिंदू रीति-रिवाज से शादी रचाकर नई जिंदगी शुरू की। महक ने फुफेरे भाई के निकाह के दबाव और पारिवारिक परेशानियों से तंग आकर न केवल घर छोड़ा, बल्कि स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाया। उसका कहना है कि उसे हिंदू धर्म में सम्मान और सुरक्षा मिली, और वह ऋषि के साथ खुश है। यह कहानी प्यार, आस्था और हिम्मत की एक अनोखी मिसाल है।

हलाला और हिजाब जैसी कुप्रथाओं से तंग आकर उत्तराखंड के रुड़की की रहने वाली महक ने घर वापसी कर ली है। महक का नया नाम महादेवी है। उन्होंने न केवल घर वापसी की, अपितु बरेली निवासी हिंदू युवक ऋषि राय से विवाह कर लिया है। महादेवी का कहना है कि अब वे सम्मानित और सुरक्षित महसूस कर रही है।महक का कहना है कि जब वे छोटी थी तभी उनके पिता का निधन हो गया था, मां ने दूसरा निकाह कर लिया। लेकिन सौतेला पिता उसपर गंदी नीयत रखता। परेशान महक अपने नाना के घर आ गई, लेकिन यहां भी उसके फूफा का बेटा उसे तंग करने लगा।अत्याचारों से परेशान होकर और आत्मसम्मान के लिए महक ने ठान लिया कि अब वह किसी भी कुप्रथा या रिश्तों की कैद में नहीं रहेगी। महक उत्तर प्रदेश के बरेली आ गई, जहां उसकी पहचान ऋषि राय से हुई। ऋषि से मिले अपनत्व से उसे सनातनी संस्कृति से प्रेम हो गया।महक का कहना है कि इस्लामिक में तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी कुप्रथाएं उसे सदैव डराती थीं, जबकि सनातन में महिलाओं को शक्ति माना जाता है