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विश्व में हिन्दू संस्कृति और विचार का प्रभाव जिज्ञासा का केंद्र बना – आलोक कुमार

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर पूर्व क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम (सामान्य), झारखण्ड प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) एवं घोष वर्ग का समापन समारोह का आयोजन आज पू. त. ज. म. सरस्वती विद्या मंदिर में किया गया. समारोह में सह सरकार्यवाह आलोक कुमार जी मुख्य वक्ता तथा भारत सेवाश्रम संघ के सचिव स्वामी भूतेशानंद जी महाराज मुख्य अतिथि थे. मंच पर मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता के साथ क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, सर्वाधिकारी राजकुमार सिन्हा, सुरेन्द्र प्रताप सिंह तथा बोकारो महानगर संघचालक रंजीत वर्णवाल उपस्थित थे.

आलोक कुमार जी ने कहा कि जिन्होंने अपने लोगों को सत्कार और स्वीकार नहीं किया, उसे कोई भी सम्मान नहीं देता. इस संदर्भ में महात्मा बुद्ध की जातक कथा की एक कहानी शिक्षार्थियों को सुनाई. उन्होंने कहा कि हमें अपने विचार, अपने समाज पर गर्व है, स्वाभिमान है तो दुनिया भी हमें सम्मान देगी. आज पूरे देश में हिन्दुत्व का सम्मान है और विश्व में हिन्दू संस्कृति और विचार का प्रभाव भी लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बना है. आज़ादी के पूर्व और आज़ादी के बाद संघ के स्वयंसेवकों ने समाज स्वीकृत अनेक यशस्वी कार्य किए हैं. देश की एकता और अखंडता के लिए संघ ने हमेशा देशानुकूल कार्य किया है.

उन्होंने आह्वान किया कि स्वयंसेवकों को समाज जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने पर बल देना चाहिए. पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन, स्वदेशी को अपना कर प्रशिक्षण का लाभ स्वयं और समाज को दे सकते हैं. व्यक्ति को समाज के लिए सहज सेवा भाव रखना चाहिए, अपने भाव में परिवार का भाव बढ़े. बढ़ते परिवार विच्छेदन की घटनाओं से अपने समाज को बचाना, उनका प्रबोधन हो. किसी भी राष्ट्र की पहचान वहां की सभ्यता व संस्कृति से होती है. उन्होंने शिक्षार्थियों से सकारात्मक, सजग एवं सक्रिय समाज के निर्माण के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया.

मुख्य अतिथि स्वामी भूतेशानंद जी ने कहा कि “जिस समय डाक्टर हेडगेवार जी भारत के पश्चिम में हिन्दुओं के संगठन के लिए संघ की स्थापना कर रहे थे, उसी समय बंगाल में स्वामी प्रणवानंद जी महाराज भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना कर हिन्दू हितों की बात कर रहे थे. मैं 1984 से संघ के संपर्क में रहा हूं.

संघ का ध्येय भारत को परम वैभव पर ले जाना है. इस लक्ष्य की प्राप्त के लिए सुयोग्य कार्यकर्ताओं के निर्माण हेतु प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया जाता है. कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम में कुल 120 शिक्षार्थी उपस्थित रहे.

संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के 291 शिक्षार्थियों ने भाग लिया. 20 दिन तक चले वर्ग में शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार का औपचारिक प्रशिक्षण दिया गया.

समापन समारोह में सह प्रांत बौद्धिक प्रमुख किनेश्वर जी ने वर्ग संबंधित जानकारी दी. मंच संचालन प्रांत कार्यवाह संजय कुमार जी ने किया.