अध्येता प्रो. राम विलास शर्मा , प्रखर आलोचक, चिंतक, निबंधकार जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन
10 अक्टूबर 1912- 30 मई 2000
पेशे से अंग्रेजी के प्रोफेसर, हिन्दी के प्रकाण्ड पण्डित, गहरे विचारक, कवि, सुप्रसिद्ध आलोचक, समीक्षक डॉ. राम विलास शर्मा। यूं तो उनकी कविताएं मार्क्सवादी विचारधारा में गोते लगातीं, परन्तु उनके लिए कोई भी सिद्धान्त राष्ट्र से बड़ा नहीं था। वे कहते थे- लेखक सारथी होता है जो लीक देखते हुए साहित्य की बागडोर सम्भाले और उचित मार्ग पर ले चले। वर्ष 1965 में उन्होंने लिखा था- जब तक केंद्र की राजभाषा अंग्रेजी है तब तक राज्यों की भाषाएं राजभाषा नहीं बन सकती। 10 अक्टूबर 1912 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद के एक गाँव में उनका जन्म हुआ था। 30 मई, 2000 को दिल्ली में उनका निधन हो गया, उनकी पहचान वरिष्ठ आलोचक के रूप में बनी है|