उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ
परिक्षेत्र में 2 मकान ढहने की वजह से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए
और एक महिला की मृत्यु हो गई। घटना के बाद आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। घंटों की मशक्कत के बाद घरों में फंसे लोगों को
बाहर निकाला जा सका।
जानकारी के अनुसार, वाराणसी के चौक थाना इलाके के खोआ गली चौराहे
पर यह हादसा हुआ है। यहां 70 साल पुराने मकान अचानक धराशायी हो गए। बताया
जा रहा है कि प्रसिद्ध जवाहिर साव कचौड़ी वाले के ऊपर स्थित राजेश गुप्ता और मनीष
गुप्ता के इन मकानों के मलबे में नौ लोग दबे थे।
कई लोगों को मलबे से
निकालकर अस्पताल भेजा गया है, जिसमें गंभीर रूप से घायल एक सिपाही भी शामिल
है, जिसे कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में
भर्ती कराया गया है। इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर में ड्यूटी पर तैनात एक महिला
पुलिस कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुई है।
पुलिस प्रशासन ने सातों लोगों को बचाने के
लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। घंटो चला रेस्क्यू
ऑपरेशन अब खत्म हो चुका है। मलबे में दबे 7 लोगों को निकाला जा चुका है। इनमें से एक
महिला की मौत हो गई। जबकि अन्य घायलों का उपचार
मंडलीय अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में हुई घटना पर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वयं
संज्ञान लिया है। मंडलायुक्त से घटना के बारे में
विस्तार से जानकारी लेने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों को बेहतर इलाज के
लिए दिशा निर्देश दिया है। फिलहाल मौके पर मलबा
हटाने का कार्य जारी है। यहां से कुछ ही दूरी पर
गेट नंबर 4 और गेट नंबर 4- A के माध्यम से श्रद्धालुओं का प्रवेश भी मंदिर परिसर में होता है। लेकिन, फिलहाल अगले आदेश तक के लिए इस गेट से
श्रद्धालुओं के आवागमन पर रोक लगा दी गई है।