बलरामपुर जिले के
चांदो क्षेत्र के कंदरी गांव में 10
दिवसीय श्री राम महायज्ञ
व वनवासी श्री रामकथा का समापन हो गया। प्रसिद्ध कथावाचक श्री सतानंद महाराज के
सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम के अंतिम दिन घर वापसी अभियान के प्रमुख भाजपा नेता प्रबल
प्रताप सिंह जूदेव भी शामिल हुए। अंतिम दिन 50 से भी अधिक परिवारों के 130
से अधिक लोगों की घर वापसी कराई गई। ये सभी लोग कभी
ईसाई मिशनरियों के बहकावे में आकर ईसाई बन गए थे। लेकिन, इन सभी लोगों को इनकी जड़ (सनातन धर्म) हमेशा से इन्हें वापस बुला
रही थी। अत: इन सभी ने प्रबल प्रताप जूदेव से संपर्क किया और फिर राम यज्ञ के
दौरान सनातन धर्म अपना लिया।अंतिम दिन
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आयोजन स्थल को धाम के रूप में विकसित करने के
संकल्प के साथ बाहर से आए साधु संत विदा हुए।
प्राप्त जानकारी के
अनुसार छत्तीसगढ़ व झारखंड की सीमा पर स्थित जनजातीय
बहुल कंदरी के प्राचीन श्री राम मंदिर की भव्यता लौटाने के बाद समिति गठित कर
क्षेत्रवासियों ने इस दूरस्थ इलाके में पहली बार विराट धार्मिक आयोजन संपन्न किया।
वृंदावन धाम के सतानंद महाराज के सानिध्य में
आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ की गई
वृंदावन धाम के सतानंद महाराज के सानिध्य में
आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ की गई थी। लगभग तीन किलोमीटर दूर तक यात्रा कर
रिगड़ नदी जनकपुर से जल लेकर श्रद्धालु श्री राम मंदिर पहुंचे थे। काशी एवं
प्रयागराज से आए करीब ब्राह्मणों ने कलश स्थापना का अनुष्ठान पूरा किया था।
डेढ़ लाख आहुति एवं करीब 50 लाख राम नाम का जाप भक्तों ने मंदिर प्रांगण में किया
सतानंद महाराज ने श्री रामकथा पर प्रवचन दिया। करीब डेढ़ लाख आहुति एवं करीब 50 लाख राम नाम का जाप भक्तों ने मंदिर प्रांगण में किया। राम कथा सुनने के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मंदिर समिति के द्वारा प्रतिदिन सुबह शाम भंडारा की भी व्यवस्था किया गया था। श्री राम कथा के प्रभाव से घर वापसी भी चलता रहा। कथा के मंच से जो लोग सनातन धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में चले गए थे,उनकी घर वापसी भी कराई गई।
जब तक सनातनी शेर जिन्दा हैं मां भारती के
टुकड़े नहीं होने देंगे: प्रबल प्रताप सिंह जूदेव
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव
ने कहा कि जनजाति क्षेत्र में सेवा के नाम पर मतांतरण का कुचक्र चल रहा है।
भोले-भाले हमारे भाइयों को भ्रमित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान प्रबल प्रताप जूदेव ने सभी
लोगों के चरण पखारकर उनका सनातन धर्म में स्वागत किया। उन्होनें
कहा कि जब तक सनातनी शेर जिन्दा हैं मां भारती के टुकड़े नहीं होने देंगे।