महिलाएं आज बस, रेल से लेकर फाइटर प्लेन तक चला रहीं है लेकिन इसमें एक विशेषता तब जुड़ जाती है जब महिलाएं रेल चलाने से लेकर रेल का इंजन बनाने का सफर तय कर लें। ऐसा ही कुछ कर रही है बनारस रेल इंजन में काम करने वाली महिलाएं। आमतौर पर आपने केवल पुरुषों को ही मकेनिकल काम करते देखा होगा लेकिन बनारस रेल इंजन (बनारस लोकोमोटिव वर्क्स) में 350 महिलाएं रेल का इंजन तैयार कर रही हैं। इतना ही नहीं, वर्तमान समय में पूरे बीएलडब्लू का कार्यभार भी महिलाएं ही संभाल रही हैं। ये महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर है बल्कि आधुनिक भारत की नई तस्वीर को भी बयां करती हैं। इस कारखाने में महिलाएं हार्वेस, रूफ टॉप, सेल और इंजन के कई पार्ट्स को तैयार करती हैं। हार्वेस प्रोडक्टिविटी में 60 फीसदी से ज्यादा महिलाएं काम करती हैं। यहां काम करने वाली हर महिला को इस बात का गर्व है कि वो लीक से हटकर न सिर्फ काम करती है बल्कि देश में अपनी अलग पहचान भी रखती हैं।
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आधुनिक और आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बनारस रेल इंजन में करने वाली 350 महिलाएं
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