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बिजनौर में 5 नाबालिग लड़कियां लापता: 10 दिनों में बढ़ती घटनाओं से हड़कंप

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बिजनौर में 5 नाबालिग लड़कियां लापता: 10 दिनों में बढ़ती घटनाओं से हड़कंप

पुलिस की जाँच तेज- प्रमुख पॉइंट

  • पुलिस ने दोनों मामलों में सर्च ऑपरेशन तेज करने की बात कही है।
  • बाहरी एजेंसियों की मदद और साइबर सेल को भी लगाया जा सकता है।
  • ग्रामीणों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्तिफोन या गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

बिजनौर, उत्तर प्रदेश - उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बीते दस दिनों के भीतर पांच नाबालिग लड़कियों के रहस्यमय तरीके से लापता होने की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में चिंता और तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। 15 नवंबर को स्कूल के लिए निकली दो छात्राएंजो अलग-अलग समुदायों से संबंध रखती हैंअब तक घर नहीं लौटीं। प्रारंभिक खोजबीन और पुलिस जांच के बावजूद जब कोई सुराग नहीं मिला, तो परिवारों में बेचैनी और स्थानीय संगठनों में नाराजगी बढ़ गई।

दो छात्राएं निकलीं, फिर लौटकर नहीं आईं…’

सुबह का वक्त था। परिवारों ने रोज की तरह बच्चियों को स्कूल के लिए रवाना किया। लेकिन वे वापस नहीं लौटीं।

परिजनों ने पहले खुद तलाश शुरू की, रिश्तेदारों से पूछताछ की, पड़ोस के गाँव खंगालेलेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी। जब मामला पुलिस तक पहुंचा, तो कई दिशाओं में जांच शुरू हुई, लेकिन 10 दिन बाद भी दोनों बच्चियों का कोई ठोस सुराग नहीं मिला।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 8 से अधिक टीमें तलाश में लगी हुई हैं। परिवारों, सहपाठियों, परिचितों और स्थानीय लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है। मोबाइल डेटा, सीसीटीवी फुटेज और संभावित रूट्स की भी पड़ताल हो रही है। लेकिन बच्चियों का अब तक कोई पता नहीं लगाया जा सका है।

संगठनों में गुस्सा, आंदोलन की चेतावनी

वहीं जांच में देरी से स्थानीय स्तर पर असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई संगठनों ने इसे पुलिस की नाकामी बताया है और कड़ा रुख अपनाने की चेतावनी दी है।

शिवसेना के जिला अध्यक्ष वीर सिंह चौधरी ने इस मुद्दे पर एक पंचायत बुलाने की घोषणा की है। पंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी और यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन का रास्ता अपनाने की बात कही जा रही है।

दूसरी बड़ी घटना: तीन सहेलियां एकसाथ गायब

पहली घटना का तनाव अभी कम भी नहीं हुआ था कि नजीबाबाद के महावतपुर बिल्लौच गांव से एक और चिंताजनक खबर आई।
यहां पड़ोस में रहने वाली तीन नाबालिग सहेलियां अचानक लापता हो गईं। परिजनों और ग्रामीणों ने देर रात तक मशालें लेकर तलाश की, गांव-गांव छान मारा, लेकिन तीनों का कोई पता नहीं चला।

स्थानीय लोगों के अनुसार,

  • तीनों लड़कियां आपस में गहरी सहेलियां थीं
  • घरों से अचानक एक साथ गायब होना कई सवाल खड़े करता है
  • घटना पहले से चल रहे दो मामलों को और गंभीर बना देती है

पुलिस दोनों घटनाओं को जोड़कर भी देख रही है और उनकी संभावना की जांच कर रही है कि क्या यह कोई संगठित पैटर्न, ऑनलाइन प्रभाव, या किसी पहचान वाले व्यक्ति का दखल तो नहीं है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक:

  • दोनों घटनाओं में कोई स्पष्ट फिरौती कॉल, धमकी या कंफर्म्ड एंगल सामने नहीं आया।
  • सीसीटीवी फुटेज सीमित है, कई जगह कैमरे थे ही नहीं या रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं।
  • परिवारों से मिली जानकारियां अभी तक किसी ठोस दिशा में नहीं पहुंचा रहीं।
  • आसपास के जिलों, राज्यों और लोकेशन ट्रैकिंग की संभावनाओं पर भी काम जारी।

जिला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लड़कियों की बरामदगी प्राथमिकता है और जिस स्तर की जांच होनी चाहिए, वह की जा रही है।

स्थानीय माहौल तनावपूर्ण, गुस्से में परिजन

लापता लड़कियों के घरों में मातम जैसा माहौल है। माओं की आंखें सूज चुकी हैं, पिता दिनभर थानों और अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। गांवों में भय का माहौल बना है और कई परिवार अब अपनी बेटियों को अकेले बाहर भेजने में हिचकिचा रहे हैं।