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काशी में संत रविदास की जन्मस्थली पर उमड़ा आस्था का रेला, 13 लाख से ज्यादा रैदासियों ने लगाई

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काशी के सीरगोवर्धनपुर स्थित गुरु रविदास के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए रविवार को अनुयायियों का रेला झूमकर निकला। भजन-कीर्तन करतीं संगतें निकलीं तो सीर की सड़कों पर जात-पात के भेद मिट गए। संत रविदास के सपनों के गांव बेगमपुरा की कठौती में आस्था की गंगा उतर आई। माघी पूर्णिमा पर संत की जयंती पर सीरगोवर्धनपुर में श्रद्धालुओं का ऐसा रेला लगा कि पैदल चलने तक की जगह नहीं बची। रविदासिया धर्म ध्वजा फहराने के साथ ही महोत्सव की शुरुआत रविवार को हो गई। गुरु चरणों की रज पाने के लिए रैदासियों की लंबी कतार मंदिर के बाहर देर शाम तक लगी रही। मंदिर कार्यालय व सेवादारों के अनुसार, 13 लाख से ज्यादा रैदासियों ने संत के चरणों में हाजिरी लगाई।

इस दौरान सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी का संदेश पढ़ा। कहा, "ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ों सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’। समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए उन्होंने सौहार्द की भावना पर बल दिया। सबका साथ, सबका विश्वास के मंत्र पर आज हम आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि इसमें रविदास के कालजयी विचार विद्यमान हैं। हम लोग संत रविदास के दिखाए मार्ग पर भारत को वैश्विक पटल पर काफी ऊंचाई तक लेकर जाएंगे। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर उपस्थित श्रद्धालुजनों को लख-लख बधाई। इस दौरान वहां मौजूद सेवादारों ने जो बोले सो निहाल का जयघोष भी किया।