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संदेशखाली को भयमुक्त बनाने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की जाये : ABVP

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अभाविप ने संदेशखाली घटना पर राष्ट्रपति को प्रेषित किया 6 सूत्रीय ज्ञापन

नई दिल्ली. संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा महिलाओं के सामूहिक यौन उत्पीड़न, जमीन हड़पने जैसे जघन्य अपराधों की घटना मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को छह सूत्री ज्ञापन प्रेषित कर निष्पक्ष जाँच द्वारा पीड़ित-पीड़िताओं को शीघ्र न्याय दिलाने एवं इस मामले में जाँच का जिम्मा केंद्रीय एजेंसियों को देकर कार्रवाई करने, पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने, घटना की वास्तविकता को सामने लाने हेतु पीड़िताओं एवं साक्षियों हेतु सुरक्षित एवं सुगम हेल्पलाइन नंबर जारी करने, न्याय की सुगमता सुनिश्चित करने हेतु पीड़िताओं को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने, भयावह घटना से शीघ्र उबरने हेतु मनोचिकित्सकीय परामर्श सत्र उपलब्ध कराने एवं संदेशखाली को भयमुक्त बनाने हेतु केंद्रीय बलों की तैनाती की माँग की.

सन्देशखाली की घटना पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार एवं महिला असुरक्षा का चिट्ठा खोलने वाली वाली है. इस सम्बन्ध में लगातार अपराधियों को शरण दे रही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार, पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने एवं सुरक्षित वातावरण स्थापित करने में मुख्य बाधक है.

सन्देशखाली की वीभत्स घटना के विरुद्ध अभाविप के नेतृत्व में देशभर के 250 विश्वविद्यालय परिसरों सहित 450 से ज्यादा जिलों के कुल 910 स्थानों पर लाखों छात्र-छात्राओं ने आक्रोश प्रकट कर कार्रवाई की माँग की है. 5 मार्च को दिल्ली स्थित बंगभवन व कोलकाता में संदेशखाली घटना के विरुद्ध विशाल प्रदर्शन, 11 मार्च को ‘उत्तरकन्या अभियान’ के तहत सिलीगुड़ी के छात्र आंदोलन में बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों ने घटना पर चिंता जताई तथा कार्रवाई की माँग की थी.

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा, “संदेशखाली घटना के बाद से ही आंदोलनों के माध्यम से देश के बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने महिलाओं के पक्ष में न्याय की माँग की. परन्तु ‘निर्ममता’ सरकार के साथ अपराधियों का गठजोड़ न केवल पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलने में बाधक है, बल्कि पीड़िताओं एवं साक्षी व्यक्तियों के लिए सन्देशखाली में असुरक्षा की भावना घर कर गई है, वहां से पलायन की घटनाएं भी सामने आईं हैं. पीड़ित महिलाओं को न्याय सुनिश्चित कराने एवं संदेशखाली में सामान्य वातावरण स्थापित करने हेतु अभाविप ने महामहिम राष्ट्रपति जी को छह सूत्री ज्ञापन प्रेषित किया है, आशा है शीघ्र कार्रवाई होगी”.