काम करने वाली महिलाओं के लिए अपने छोटे बच्चों को घर छोड़कर जाना आसान नहीं हो पाता हैं. बाहर जाने पर हमेशा उन्हें बच्चों की चिंता रहती हैं. ऐसे में कामकाजी महिलाओं की इस चिंता का समाधान आगरा की पुलिस लाइन में खोजा गया हैं. यहां पर कमिशनरेट की महिला पुलिसकर्मी अपने काम के साथ-साथ मां की भूमिका भी अच्छे से निभा रही हैं. पुलिस लाइन में क्रेच के खुलने के बाद से अब उनकी चिंता कम हो गई हैं और वे अपने काम को आसानी से कर रही हैं.
इसके अतिरिक्त परिवार परामर्श केंद्र में आने वाले दंपत्ति के बच्चे भी यहां खूब मस्ती करते हैं. मैनपुरी के निवासी एसआई प्रियांशी यादव परिवार परिवार परामर्श केंद्र में कार्यरत है. उनका कहना है कि पति प्रभाकर यादव भी दरोगा है, वो आगरा से पहले पति के साथ कानपूर में थी. तबादला होने पर वे अपने बेटे अगस्त्य के साथ आगरा आ गई. बेटे को ड्यूटी पर लाकर काम करना बहुत मुश्किल हो रहा था.
ऐसे में ऑफिस में बना क्रेच उनके लिए लाभकारी साबित हुआ. यहां बच्चों के लिए बहुत से खिलौने हैं. वे अपने बेटे को वहां छोड़कर काम पर चली जाती है. सिपाही अनुपम भी यहां ड्यूटी करती है. उनका बड़ा बेटा 3 साल 8 महीने और छोटा बेटा 1 साल 8 महिना का हैं, दोनों को वह क्रेच में छोड़कर ड्यूटी पर चली जाती है.
अपने छोटे बच्चों को घर छोड़कर काम पर जाना महिलाओं के लिए हमेशा से एक चिंता रहता हैं. ऐसे में पुलिस लाइन में क्रेच के बनने से बहुत लाभ हुआ है. महिलाओं को ऐसी सुविधाएं उनके हर कार्य क्षेत्र पर मिलनी चाहिए.