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महाकुंभ पर बयान और गंगा स्नान को लेकर अखिलेश यादव घिरे, स्वामी जीतेन्द्रानन्द ने किया तंज

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वाराणसी। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के महाकुंभ और गंगा स्नान को लेकर बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। बीते मकर संक्रांति के अवसर पर अखिलेश यादव ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया, जिसके बाद उनकी वीडियो और फोटो वायरल हो गए। इसके बाद उन्होंने कहा कि गंगा नदी का महत्व हर स्थान पर है, चाहे वह हरिद्वार हो या पश्चिम बंगाल। उन्होंने यह भी कहा कि वह महाकुंभ में तभी जाएंगे जब मां गंगा उन्हें बुलाएंगी।

स्वामी जीतेन्द्रानन्द ने तंज किया -

स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री ने अखिलेश के बयान पर तंज करते हुए कहा, "राजनीति में बयान देने से पहले नेताओं को कई बार सोचना चाहिए।" उन्होंने अखिलेश यादव की राजनीति पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे समय के हिसाब से खुद को बदलते रहते हैं, जो राजनीतिज्ञों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने अखिलेश यादव को जन्मजात सनातनी बताते हुए कहा कि उनके पिता भी सनातन धर्म से जुड़े थे, और अब वे उसी महाकुंभ में स्नान-दान कर रहे हैं, जिस पर पहले उन्होंने विवादित बयान दिया था।

महाकुंभ को लेकर क्या कहा?

स्वामी जीतेन्द्रानन्द ने महाकुंभ की बढ़ती सुविधाओं की तारीफ करते हुए कहा कि 2019 के बाद महाकुंभ में सुविधाएं बढ़ी हैं, जैसे सड़कें और अन्य संसाधन बेहतर हुए हैं। इसके लिए सरकार और संबंधित विभागों ने महीनों तक कार्य किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म अपने शीर्ष शिखर पर है और आने वाला समय सनातनियों के लिए विशेष महत्व लेकर आएगा।

अखिलेश यादव की राजनीति पर टिप्पणी -

स्वामी जीतेन्द्रानन्द ने अखिलेश यादव के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक समय था जब मुख्यमंत्री आवास में रोजा इफ्तार होता था, लेकिन अब वही लोग गंगा स्नान कर रहे हैं और वीडियो शूट करवा रहे हैं। इससे सनातन धर्म की वही वैभव और प्रतिष्ठा बढ़ रही है। उन्होंने अखिलेश को स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि अब अखिलेश यादव को गर्व से हिंदू कहने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए, और इसके लिए उन्हें बधाई दी।