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पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर में उठी आजादी की मांग; सड़क पर उतरे हजारों लोग

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मनवाधिकार हनन को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ आरोप लगाता रहता है, लेकिन अपने गिरेबां में नहीं झांकता. जहां अल्पसंख्यकों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. इतना ही नहीं, पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर यानि PoJK में पाकिस्तानी सेना जिस तरह से लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है, इस पर भी कुछ नहीं कहता. ना ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह दिखाई देता है.

अब एक बार फिर पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के दादयाल, मीरपुर, मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. अपने अधिकारों की मांगों को लेकर हजारों लोग मीरपुर से मुजफ्फराबाद तक पैदल मार्च निकाल रहे हैं. हर तरफ आजादी के नारे गूंज रह हैं.

प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पाकिस्तानी सेना का अत्याचार भी प्रारंभ हो गया है. कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल बताये जा रहे हैं. स्कूली छात्र-छात्राओं पर भी पाकिस्तानी सेना ने आंसू गैस के गोले दागे हैं. PoJK में पाकिस्तानी आर्मी की फ्रंटियर कॉप्स और रेंजर सेना की लामबंदी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) ने अपने अधिकारों की मांगों को लेकर 11 मई को PoJK के मुजफ्फराबाद में विशाल प्रोटेस्ट मार्च निकाला. भीड़ इतनी उग्र थी कि पाकिस्तानी सेना खुद को पीछे खींचती हुई नजर आई.

पाकिस्तान में तेजी से बढती महंगाई, बिजली की समस्या, खाद्य पदार्थों, अनेक प्रकार के टैक्स और भुखमरी जैसे हालातों का लंबे समय से सामना कर रहे हैं. पाकिस्तानी आसेना भी लगातार अत्याचार करती आ रही है. उनके संसाधनों का भरपूर उपयोग कर रही है. मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ स्थानीय लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. यहाँ आए दिन पाकिस्तान से आजादी के नारे लगते हैं. पाकिस्तान से परेशान लोग अब अब भारत के साथ मिलने की बात कर रहे हैं. दादयाल में कई स्थानों पर आम नागरिकों और पाकिस्तानी सेना के बीच झड़प भी हुई.

यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में गिरफ्तारी और धारा 144 लागू करने की निंदा की. अधिकार समूहों ने उन कैदियों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई, जिन्हें कथित तौर पर पाकिस्तानी सेना द्वारा क्रूरता यातना का शिकार होना पड़ा था. शौकत अली कश्मीरी और नासिर अजीज खान सहित यूकेपीएनपी नेताओं ने कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती पर निराशा व्यक्त की.

यूकेपीएनपी नेताओं ने सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की और संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पीओजेके में बिगड़ती स्थिति को लेकर तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.