देश को हर ओर से कड़ी सुरक्षा व निगरानी की जरूरत रहती है. ऐसे में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड व एयरोस्पेस विभाग द्वारा भारतीय नौसेना के लिए सुपर रैपिड गन माउंट तोप को निर्मित किया गया है. यह 35 किलोमीटर की सीमा में हवा, पानी व समुद्र में विभिन्न लक्ष्यों को भेदने में और विभिन्न तरह के गोला बारूद का स्वयं चयन करने में सक्षम है.
बीएचएल के कार्यपालक निदेशक डीएस मुरली ने तोप को हरी झंडी दिखाकर बालासोर के लिए रवाना किया. उनका कहना था कि यह तोप समुद्री सीमाओं की रक्षा में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाली है. भारतीय नौसेना की तरफ से बीएचएल को दिए 38 अपग्रेडेड एसआरजीएम तोप के आदेश पर निर्मित हुई यह पहली तोप है. तोप का निर्माण होना प्रत्येक बीएचएलकर्मी के लिए आत्मगौरव का विषय है.
इसके कार्यपालक निदेशक बताते है कि पिछले 30 वर्ष से बीएचएल भारतीय नौसेना के लिए एसआरजीएम का निर्माण कर रहा है और अभी तक 44 तोपों की आपूर्ति भी हो चुकी हैं. बीएचईएल के महाप्रबंधक, वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय नौसेना और इटली की सहयोगी कंपनी लियोनार्डो के प्रतिनिधि, एयरोस्पेस की टीम तथा बीएचईएल यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि इस खास मौके पर वहां उपस्थित रहे.
भारत को दुश्मन की हर बुरी नजर से बचाने के लिए सरकार के साथ-साथ कुछ बड़ी कंपनियां भी अपना सहयोग देती हैं. जिससे भारत जल, थल और नभ में पूरी तरह से सुरक्षित रह सके.