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बहराइच सांपदायिक हिंसा: मुख्य आरोपी सलमान समेत दो लोगों पर एफआईआर, 25 लोग हिरासत में

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बहराइच

आखिर कब तक होती रहेगी हिन्दुओं की आस्थाओं पर चोट

बहराइच में हाल ही में सांप्रदायिक हिंसा की एक बड़ी घटना सामने आई, जिसमें तनाव और हिंसा ने इलाके में माहौल को बिगाड़ दिया। इस हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है और मुख्य आरोपी सलमान समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। 


घटना का पूरा विवरण:

यह घटना बहराइच के एक संवेदनशील इलाके में हुई, जहां सांप्रदायिक तनाव लंबे समय से बना हुआ था। त्योहारों के समय यह तनाव और बढ़ गया, जिसके चलते दोनों समुदायों के बीच झड़पें होने लगीं। इस हिंसा में संपत्ति को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हो गए। इलाके में कुछ धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली घटनाओं ने आग में घी का काम किया और झड़पें तेज हो गईं।


मुख्य आरोपी सलमान पर एफआईआर:

पुलिस की जांच में सलमान को इस हिंसा का मुख्य आरोपी माना गया है। उस पर आरोप है कि उसने सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और भीड़ को उकसाने में अहम भूमिका निभाई। सलमान और उसके एक साथी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, और दोनों पर हिंसा फैलाने और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 

25 लोगों को हिरासत में लिया गया:

इस हिंसा के दौरान और बाद में, पुलिस ने इलाके में व्यापक जांच शुरू की। इस दौरान संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए 25 लोगों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए इन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है ताकि हिंसा के पीछे की साजिश और अन्य शामिल लोगों का पता लगाया जा सके।


इलाके में सुरक्षा व्यवस्था:

घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है, और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। पुलिस और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है ताकि कोई और हिंसक घटना न हो सके। प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे किसी भी तरह के सार्वजनिक जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

स्थिति को शांत करने के प्रयास:

प्रशासन की अपील: प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। लोगों से कहा गया है कि वे किसी भी उकसावे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।

सोशल मीडिया पर निगरानी:

प्रशासन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी नजर बनाए हुए है ताकि किसी भी प्रकार की भ्रामक और उकसाने वाली जानकारी फैलने से रोकी जा सके। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की सांप्रदायिक भावना भड़काने वाले पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

हिंसा का प्रभाव:

हिंसा के कारण स्थानीय व्यापार और जनजीवन प्रभावित हुआ है। दुकानों को बंद करना पड़ा और सड़कों पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा। लोग दहशत में हैं और हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। हिंसा के चलते कई घरों में तोड़फोड़ की खबरें भी आई हैं, जिससे संपत्ति को नुकसान हुआ है।


स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया:

सांप्रदायिक हिंसा की इस घटना पर स्थानीय नेताओं ने भी चिंता व्यक्त की है और सभी समुदायों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। नेताओं ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हो सकें। साथ ही, धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भी अपील की है कि लोग एकजुट होकर इस कठिन समय का सामना करें और किसी भी प्रकार की उकसावे वाली गतिविधियों से बचें।

आगे की कार्रवाई:

पुलिस जांच जारी है और अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही और गिरफ्तारियां कर सकते हैं। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ के बाद और भी आरोपियों की पहचान की जा सकती है। प्रशासन इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है, और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए जा            रहे हैं। बहराइच की इस सांप्रदायिक हिंसा ने इलाके में शांति को चुनौती दी है, लेकिन प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है। अब यह देखना होगा कि आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं और हिंसा के पीछे की असल साजिश क्या थी।

बहराइच घटना में किसने क्या कहा ?

बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा के बाद स्थानीय और क्षेत्रीय नेताओं ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। कई नेताओं ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि राज्य में किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक विभाजन से बचना चाहिए और एकजुट रहना चाहिए। सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।"


असदुद्दीन ओवैसी ने घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन को सभी समुदायों के साथ निष्पक्षता से काम करना चाहिए। उन्होंने सांप्रदायिक हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में विभाजन पैदा करती हैं और इसका फायदा कुछ असामाजिक तत्व उठाते हैं। ओवैसी ने कहा, "प्रशासन को हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, लेकिन निर्दोष लोगों को फंसाने से बचना चाहिए। कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।"

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। सभी को शांति और सौहार्द बनाए रखने की जरूरत है। प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषियों को सजा मिले और निर्दोष लोग सुरक्षित रहें।" प्रियंका गांधी ने सरकार से हिंसा रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।


अखिलेश यादव ने घटना पर सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सरकार की विफलता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा, "जब भी राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ती है, यह सरकार की नाकामी को उजागर करता है। ऐसे घटनाएं समाज को विभाजित करती हैं। दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए और सरकार को लोगों के बीच शांति बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।"

बसपा प्रमुख मायावती ने भी घटना की निंदा की और कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाएं चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा, "सरकार को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी निर्दोष व्यक्ति इस हिंसा का शिकार न बने। शांति और सद्भाव बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।"


स्थानीय धार्मिक और सामुदायिक नेता:

स्थानीय धार्मिक और सामुदायिक नेताओं ने भी शांति की अपील की है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आपसी सौहार्द को बनाए रखें। मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के नेताओं ने मिलकर कहा कि "धर्म के नाम पर हिंसा करने वाले असामाजिक तत्वों को समाज में जगह नहीं मिलनी चाहिए।" 

सभी नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। जबकि कुछ नेताओं ने सरकार की नीतियों और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, वहीं कुछ ने प्रशासन से निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 कौन देगा इन सवालों के जवाब ?

देवी प्रतिमाओं के विसर्जन को लेकर बहराइच में घटना होती है। हमारे हिन्दू भाई की हत्या की जाती है। फिर शुरू होती है नेताओं की छोटी राजनीति। आखिर ये कब चलेगा ? कब तक मुस्लिम समाज के लोग हमारी धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाते रहेंगे और हम सामाजिक सौहार्द की बात करते करते उनके अपना ही परिवार का हिस्सा मानता रहेंगे। इस घटना से कई सवाल उठते हैं जिसका जवाब ना समाज के जिम्मेदार लोगों के पास है ना ही प्रशासन के पास । घटनाओं की पुनरावृत्ति समाज का सन्तुलन तो विगाड़ती ही है, साथ ही समाज में इस तरह घटनाओं को जन्म देती है। 

आखिर इन सवालों के कौन देगा जवाब ?

1- घटना स्थल पर जब पुलिस मौजूद थी, कैसे हो गई घटना ?

2- हिन्दू भाई को कई गोलिया मारी गई, आखिर मस्जिद में कहां से आते हैं हथियार 

3- घटना के तुरंत बाद प्रशासन के द्वारा होती है लाठी चार्ज

4- देवी प्रतिमा विसर्जन पर पत्थर बाजी की घटनाओं की पुरनावृत्ति क्यों होती है?

5- मस्जिद और मदरसों में समय-समय पर क्यों नहीं होती जांच?

6- मदरसों में सीसीटीवी से क्यों नहीं की जाती निगरानी ?

7- हिन्दू विरोधी और देश विरोधी मौलवियों क्यों नहीं कार्रवाई ?