• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

जाति-धर्म की दीवार तोड़ मेहरून बनी मोनिका, मंदिर में रचाई शादी

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

 सीतापुर, उत्तर प्रदेश 

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में सनातन धर्म की महानता का एक जीवंत उदाहरण सामने आया है, जब मजहबी पिंजरे में कैद एक युवती ने साहस दिखाते हुए अपने जीवन का सबसे बड़ा निर्णय लिया। झूठे पाखंड, सामाजिक दबाव और कट्टर सोच को दरकिनार करते हुए उसने सनातन धर्म में शरण ली और विधिपूर्वक वेद मंत्रों के बीच अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। उसका मुस्लिम नाम 'मेहरून' अब अतीत बन चुका है। आज वह पूरे गर्व के साथ सनातन धर्म और संस्कृति के मार्ग पर चलने वाली 'मोनिका' बन गयी है। यह घटना केवल एक विवाह नहीं, अपितु यह उस जागरण का प्रतीक है, जहां लोग अब प्रश्न कर रहे हैं - आखिर धर्म का अर्थ क्या है? क्या डर, धमकी और मजबूरी से थोपा गया कोई मजहब वाकई धर्म हो सकता है? जवाब स्पष्ट है। धर्म वो नहीं, जो किसी किताब के पन्नों में बंद हो... धर्म वो है, जो ब्रह्मांड के कण-कण में व्याप्त हो, जो सृष्टि की रचना से जुड़ा हो, जो शाश्वत हो और यही है सनातन धर्म — न कभी शुरू, न कभी अंत बस सतत् प्रवाहित होने वाली जीवनधारा।

 

जब वो युवती संकटा देवी मंदिर के प्रांगण में पहुंची, तो सिर्फ एक लड़की नहीं थी। वो उस भीड़ का प्रतिनिधित्व कर रही थी, जो बरसों से मजहबी पाखंड के बोझ तले दबी हुई है। अग्नि के समक्ष वेदी पर बैठे पुजारी के मंत्रोच्चार, शंखनाद और धूप-दीप की सौंधी सुगंध के बीच उसका हृदय गूंज रहा था। यह मात्र संस्कार नहीं था, यह आत्मा का पुनर्जन्म था। मजहब के बंधन से आजादी का उद्घोष था। सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ का तरीका नहीं है। यह जीवन जीने की वो कला है, जो व्यक्ति को आत्मा से परमात्मा तक जोड़ती है। यहाँ न कोई डर है, न कोई बंधन। यहाँ तलवार नहीं, प्रेम और करुणा का मार्ग है। वेद, पुराण, उपनिषद और भगवद्गीता — ये केवल किताबें नहीं, अपितु ब्रह्मांड का विज्ञान हैं। यहां कोई यह नहीं कहता कि जो हमारे धर्म में नहीं, वो काफिर है। यहां तो कहा जाता है — "वसुधैव कुटुम्बकम्", पूरी दुनिया एक परिवार है। मोनिका आज पूरे गर्व से कहती है कि वह अब उसी धर्म की अनुयायी है, जहां स्त्री को शक्ति माना गया, जहां नदी, वृक्ष, पर्वत तक पूजनीय हैं। जहां हर प्राणी में ईश्वर के दर्शन होते हैं। वो धर्म जहां जबरन कुछ नहीं होता, केवल आत्मा की पुकार होती है। जहां कोई भय नहीं केवल मुक्ति है। जहां कोई बंदिश नहीं केवल मोक्ष का मार्ग है। यह परिवर्तन केवल नाम का नहीं है। यह मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक क्रांति है।

मुस्लिम युवती की हिंदू रीति रिवाज से शादी, दूल्हा-दूल्हन का नाम जान  मेहमानों के उड़े होश, लोग बोले- 'ये रिश्ता...' - News18 हिंदी

यह उस सत्य की ओर लौटना है, जिसे युगों-युगों से दुनिया खोजती रही है। मेहरून का मोनिका बनना इस बात का प्रतीक है कि झूठ और छल से भरे नकली मजहबों की दीवारें अब दरक रही हैं। लोग अब शाश्वत सत्य की ओर लौट रहे हैं। यह सनातन की विजय है, धर्म की जीत है और सत्य की उद्घोषणा है।