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चारधाम की यात्रा बन रही महिला सशक्तिकरण की पहचान

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नोएडा,यूपी

2 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के लिए अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक के 148 महिला स्वयं सहायता समूहों की 500 से अधिक महिलाएं केदारनाथ यात्रा से सीधे जुड़कर अपनी आजीविका मजबूत कर रही हैं।

भारत की धार्मिक यात्रांए लोगो के आस्था विश्वास और समर्पण भाव के साथ साथ अब कई लोगो के लिए रोजगार का साधन बन रही हैं । इसका ताजा उदाहरण हमे देखने मिला चारधाम यात्रा 2025 में जहां अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ की महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी आजीविका मजबूत कर, आत्मनिर्भर बन रही है, बता दें 2 मई से प्रारंभ हुई चारधाम की यात्रा में महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर सीधे तौर पर केदारनाथ प्रसाद तैयार कर रही हैं, इसके अलावा टेंट संचालन करना , होम स्टे की सेवाएं देना , धूपबत्ती बनाना, प्रसाद पैकेजिंग करना ,और स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। वही महिलाओं की इस मेहनत पर  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशंसा करते हुए कहा की चारधाम यात्रा महिला समूहों के लिए आजीविका का मजबूत आधार बन रही है। सरकार महिला समूहों को स्टॉल, प्रशिक्षण और संसाधनों की हर संभव सहायता दे रही है।

Women get employment from Kedarnath Yatra | केदारनाथ यात्रा से महिलाओं को  मिल रोजगार: डेढ़ सौ महिला स्वयं सहायता समूह तैयार कर रहे स्थानीय उत्पाद,खूब  हो रही ...

वही मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की भी अपील की ताकि इन महिलाओ का मनोबल बना रहे, और ये शीघ्रता से आगे बढ़ते रहे। इस तरह की धार्मिक यात्राएं महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक अच्छा साधन बन रही हैं,  क्योकि पहाड़ो पर रोज़गार मिलना कठिन होता हैं जिससे कही न कही महिलाएं पीछे रह जाती है, परंतु मौका पर यही महिलाएँ आगे बढ़कर मेहनत करके आत्मनिर्भर बनती है और दूसरो के लिए प्रेरणा ।