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धार्मिक नफरत फैलाने की साजिश का पर्दाफाश, ATS ने ग्रेटर नोएडा से पकड़ा आरोपी

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ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश

प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियां लगातार उन लोगों पर नजर रखती हैं जो देश की शांति को नुकसान पहुँचाने की साजिश में लगे होते हैं। इसी सतर्कता का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश एटीएस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, जिसमें धर्म के नाम पर नफरत फैलाने और विदेश से अवैध फंडिंग से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश एटीएस ने नई दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। फरहान, इस्तांबुल इंटरनेशनल कंपनी में सह-निदेशक के पद पर कार्यरत है। उसे ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र से पकड़ा गया। बता दें एटीएस को सूचना मिली थी कि कासना में एक कंपनी के माध्यम से धार्मिक आधार पर समाज में नफरत फैलाने वाली किताबें छापी गई और देशभर में बांटी जा रही हैं।आगे की जांच पड़ताल में पता चला कि फरहान नबी, नासी तोर्बा और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर इस्तांबुल इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, हकीकत वक्फी फाउंडेशन और रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनियां बनाई थीं। इन्हीं कंपनियों के माध्यम से धार्मिक उकसावे वाली गतिविधियाँ चलाई जा रही थीं। 

 11 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग का खुलासा

इसके साथ ही जांच में यह भी सामने आया कि इन कंपनियों के जरिए तुर्की और जर्मनी से हवाला और अन्य अवैध तरीकों से करीब 11 करोड़ रुपये भारत भेजे गए। इन पैसों से उत्तर प्रदेश के अमरोहा और पंजाब में मदरसे, मस्जिद और कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदी गई। इतना ही नहीं, फरहान नबी विदेश से आने वाले लोगों को बिना किसी सूचना के अपने यहां ठहराता था, और भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को भी पनाह देता था। फिलहाल जांच एजेंसियां गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर पूरे नेक्सस को खंगालने में जुटी है। ताकि इसकी पूरी योजना को समझा जा सके। और बाकी आरोपियों को भी पकड़कर राष्ट्रविरोधी पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।