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महाकुंभ के प्रभाव से प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़

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लखनऊ। महाकुंभ 2025 का व्यापक प्रभाव उत्तर प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। पिछले तीन दिनों में प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर 26 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।

मकर संक्रांति से शुरू हुए महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालु अन्य धार्मिक स्थलों की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, मां विंध्यवासिनी धाम, नैमिषारण्य और मथुरा-वृंदावन जैसे स्थलों पर दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी।

तीन दिनों में प्रमुख स्थलों पर श्रद्धालुओं की संख्या

अयोध्या: 10 लाख श्रद्धालुओं ने रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन किए।

काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी): 7.41 लाख दर्शनार्थी पहुंचे।

मां विंध्यवासिनी धाम: 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे।

नैमिषारण्य धाम (सीतापुर): 1 लाख भक्तों ने दर्शन किए।

चित्रकूट: 1 लाख से अधिक लोगों ने कामदगिरी परिक्रमा की।

मथुरा-वृंदावन: 1.5 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे।

इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार में भी बढ़ावा देखने को मिल रहा है।

महाकुंभ में अब तक 7 करोड़ श्रद्धालु

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान अब तक 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। मकर संक्रांति के बाद बृहस्पतिवार को संगम में 30 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया अभिनंदन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में संगम स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर संदेश जारी करते हुए कहा, "आस्था, एकता और समरसता के इस महासमागम में संगम के पवित्र जल में स्नान करने वाले साधु-संतों, 10 लाख कल्पवासियों और 20 लाख श्रद्धालुओं का हृदय से अभिनंदन। मां गंगा सभी के मनोरथ पूर्ण करें।"

महाकुंभ और धार्मिक स्थलों पर बढ़ती भीड़ से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई मिल रही है।