• अनुवाद करें: |
मुख्य समाचार

संभल में जामा मस्जिद के पास प्राचीन कुएं की खोदाई शुरू, जल संरक्षण और विरासत संरक्षण पर जोर

  • Share:

  • facebook
  • twitter
  • whatsapp

- इसी क्रम में बुधवार को जामा मस्जिद से महज 30 मीटर की दूरी पर स्थित एक प्राचीन कुएं की खोदाई शुरू की गई।

- एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने इसका निरीक्षण किया और इसे लेकर गहन अध्ययन किया जा रहा है।  

संभल। संभल में जल संरक्षण और प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के उद्देश्य से प्रशासन ने बंद पड़े प्राचीन कुओं और तीर्थों की खोदाई और सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया है। इसी क्रम में बुधवार को जामा मस्जिद से महज 30 मीटर की दूरी पर स्थित एक प्राचीन कुएं की खोदाई शुरू की गई। एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम ने इसका निरीक्षण किया और इसे लेकर गहन अध्ययन किया जा रहा है।  

प्राचीन कुएं की खोदाई में जुटा प्रशासन -

जामा मस्जिद के पास स्थित इस प्राचीन कुएं को वर्षों पहले कूड़े और गंदगी से भर दिया गया था। प्रशासन ने इसकी खोदाई का कार्य बुधवार को शुरू कराया। खोदाई के दौरान एएसपी श्रीश्चंद्र और सीओ समेत अन्य अधिकारी मौके पर मुस्तैद रहे। कार्य के दौरान कुएं के पास स्थित जर्जर दुकानों को ध्वस्त किया गया और उनके अवशेषों को भी हटा दिया गया, ताकि खोदाई और सौंदर्यीकरण में कोई बाधा न आए।  

संभल महात्म्य के अनुसार 68 तीर्थ और 19 कूप का उल्लेख -

संभल महात्म्य के अनुसार, शहर में 68 तीर्थ और 19 कूप का उल्लेख है। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि इनमें से सभी कूप और 34 तीर्थों की पहचान कर ली गई है। बाकी तीर्थों की पहचान का कार्य चल रहा है। डीएम ने कहा, "शहरी क्षेत्र के कुओं को पालिका संवारेगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के कुओं को ग्राम पंचायत और मनरेगा के माध्यम से संवारने का काम किया जाएगा।"  

सरायतरीन के कुएं पर एएसआई का निरीक्षण -

जामा मस्जिद के पास स्थित इस प्राचीन कुएं का आकार बड़ा है और इसकी बनावट अन्य कुओं से अलग नजर आ रही है। एएसआई की टीम ने कुएं का बारीकी से निरीक्षण किया। हालांकि कार्बन डेटिंग के लिए नमूने नहीं लिए गए, लेकिन टीम ने इसका ऐतिहासिक महत्व जानने के लिए प्राचीन नक्शों और संभल महात्म्य में उल्लिखित कूपों से मिलान करने की योजना बनाई है। चर्चा है कि यह कुआं शहर का सबसे प्राचीन कुआं हो सकता है।  

जल संरक्षण और धरोहर संरक्षण पर जोर -

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्राचीन कुओं और तीर्थों की खोदाई और सौंदर्यीकरण का उद्देश्य जल संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करना है। इसके लिए पालिका, ग्राम पंचायत और मनरेगा के माध्यम से योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।  

संभल में जल संरक्षण अभियान के तहत प्राचीन कुओं और तीर्थों को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। जामा मस्जिद के पास स्थित इस प्राचीन कुएं के अध्ययन और सौंदर्यीकरण से इसके ऐतिहासिक महत्व का पता चलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित रखा जाएगा।