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अपने जीवनकाल में कुछ ऐसा काम करें कि हमारी भूमिका रेखांकित हो – दत्तात्रेय होसबाले जी

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कोरबा, छत्तीसगढ़. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र के जीवन दर्शन और समाज राष्ट्र के लिए किए कार्य को लेकर दुनिया भर में भारत की अपनी विशेष पहचान है. हम सभी को अपने जीवन काल में कुछ ऐसा काम करना चाहिए, जिससे हमारी भूमिका रेखांकित हो सके.

कोरबा प्रवास के दौरान सरस्वती विद्यालय सीएसईबी में मंगलवार को आयोजित परिवार मिलन कार्यक्रम में सरकार्यवाह जी ने उपस्थित लोगों को विश्वास दिलाया कि ईश्वर हर समय हमारे साथ हैं. हमारी प्रार्थनाएं स्वीकृत करते हैं और उसी के प्रभाव से हमें अपने कार्य क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त होती है. यहां पर हम सभी को यह बात ध्यान में रखनी होगी कि काम को हमें स्वयं करना है. उदाहरण के तौर पर ईश्वर बारिश दे सकते हैं और धूप, लेकिन कृषि और अन्य संबंधित कामकाज हमें स्वयं ही करने होंगे.

राष्ट्र की प्रगति और वहां के नागरिकों की भूमिका पर केंद्रित बातचीत के अंतर्गत दत्तात्रेय जी ने इस्ररायल और जापान की प्रगति को इंगित किया. सभी प्रकार की विपत्तियां और चुनौतियों को बर्दाश्त करने के बावजूद इन देशों ने कालांतर में सामरिक से लेकर तकनीकी क्षेत्र में जो प्रगति की, वह आज अपने आप में अन्यतम उदाहरण है. इस्ररायल का लगातार आगे बढ़ना इस बात को साबित करता है कि जिस देश के नागरिक मजबूत इच्छा शक्ति रखते हैं, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. अन्य देशों के मामले में भी यह बात लागू होती है. लेकिन इसके लिए शर्त यही है कि लोग अपनी भूमिका निष्ठा के साथ निभाएं.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह ने समाज जीवन और मूल्य की महत्ता के साथ अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने का काम कुल मिलाकर समाज ही करता है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका लोगों की होती है. किसी देश की उन्नति के मामले में सरकार की भूमिका केवल एक सिस्टम या तंत्र की होती है. हम सभी को यह बात जान लेनी चाहिए कि समाज से लेकर ही समाज को कुछ देने का काम सरकार की ओर से होता है, इससे अधिक और कुछ नहीं. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अपने गौरवशाली राष्ट्र भारत की दिशा और दशा को लेकर बहुत अच्छे प्रयास चल रहे हैं. इसके समुन्नत स्वरूप को लेकर हम सभी क्या कुछ कर सकते हैं, इसका विचार सदैव करते रहने की आवश्यकता है.