अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग में प्रदर्शनियों का उद्घाटन
- संस्कृति प्रदर्शनी – लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर आधारित है
- मध्यप्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर उनके शौर्य को दर्शाते हुए प्रदर्शनी है
भोपाल । विद्या भारती के 05 दिवसीय अखिल भारतीय पूर्णकालिक अभ्यास वर्ग के महाकुम्भ में विभिन्न प्रदर्शनियों का सोमवार को शारदा विहार भोपाल में उद्घाटन हुआ। उद्घाटन अवसर पर मुख्य रूप से विश्वास कैलाश सारंग खेल एवं युवा कल्याण, सहकारिता मंत्री मध्यप्रदेश शासन; डी. रामकृष्ण राव, विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष; गोविंदचंद महंत विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री; यतीन्द्र शर्मा, श्रीराम आरावकर विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री; निखिलेश महेश्वरी विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के संगठन मंत्री व विद्या भारती के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
संस्कृति, डिजिटल उपलब्धियाँ और शिशु वाटिका
संस्कृति प्रदर्शनी – लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर आधारित है। मध्यप्रदेश की गौरव वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर उनके शौर्य को दर्शाते हुए प्रदर्शनी है, साथ ही मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक, धार्मिक व दार्शनिक धरोहरों की महत्ता को दर्शाती हुई प्रदर्शनी लगाई गई है।
डिजिटल उपलब्धियाँ प्रदर्शनी – डिजिटल प्रदर्शनी में विद्या भारती द्वारा वर्षभर बालकों के सर्वांगीण विकास हेतु की जाने वाली गतिविधियाँ व अन्य सामाजिक सरोकार एवं शैक्षिक कार्यक्रमों की जानकारी प्रदर्शनी में दी गई है।
शिशु वाटिका प्रदर्शनी –विद्या भारती की शिशु शिक्षा की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं को प्रदर्शित किया गया है, जिससे 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं के माध्यम से शिशु को खेल-खेल में शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास की अवधारणा को प्रदर्शित करती है।
प्रदर्शनियों के अवलोकन के पश्चात मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मीडिया से चर्चा करते हुए विद्या भारती के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर केवल शिक्षा प्रदान करने का कार्य नहीं कर रहे, बल्कि वे संस्कार केंद्र के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्या भारती का यह अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएगा।