विदेशी पेशेवरों ने गुरु दीक्षा लेकर अपनाया सनातन धर्म, कहा—जीवन को मिली नई दिशा
- शक्तिधाम आश्रम के शिविर में बुधवार को 61 विदेशी श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म को अपनाया
- बेल्जियम की अस्थि रोग विशेषज्ञ कैथरीन गिल्डेमिन ने बताया कि आधुनिक जीवन की भागदौड़ और तनाव के कारण वे मानसिक रूप से अशांत थीं
महाकुंभ 2025: विदेशी श्रद्धालुओं ने अपनाया सनातन धर्म
प्रयागराज: महाकुंभ में श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। शक्तिधाम आश्रम के शिविर में बुधवार को 61 विदेशी श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म को अपनाया। इनमें वास्तुविद, डॉक्टर, आईटी डेवलपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, चिकित्सक और ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल रहे।
सनातन धर्म ने दी जीवन को नई राह-
बेल्जियम की अस्थि रोग विशेषज्ञ कैथरीन गिल्डेमिन ने बताया कि आधुनिक जीवन की भागदौड़ और तनाव के कारण वे मानसिक रूप से अशांत थीं। गुरु सांई मां लक्ष्मी देवी के सानिध्य में आने के बाद उन्हें आत्मिक शांति मिली और उनके जीवन को नई दिशा प्राप्त हुई।
आयरलैंड के डेविड हैरिंगटन ने कहा कि सनातन धर्म की सरलता और सहजता उन्हें भारत खींच लाई। उन्होंने कहा, "सनातन एकमात्र ऐसी जीवन पद्धति है जो कुछ भी थोपती नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को उसकी आध्यात्मिक यात्रा पर स्वतंत्र रूप से बढ़ने का अवसर देती है।"
फ्रांस की सॉफ्टवेयर इंजीनियर ओलिवियर गिउलिरी ने अपनी अनुभूति साझा करते हुए कहा कि भौतिक रूप से सब कुछ होने के बावजूद वे अपने भीतर एक अधूरापन महसूस कर रही थीं। गुरु दीक्षा के बाद उन्होंने आत्मिक पूर्णता का अनुभव किया।
200 से अधिक विदेशियों ने ली गुरु दीक्षा-
अब तक शक्तिधाम शिविर में 200 से अधिक विदेशी श्रद्धालु गुरु दीक्षा लेकर सनातन धर्म की राह पर चल चुके हैं। बुधवार को दीक्षा लेने वालों में अमेरिका के वास्तुविद मैथ्यू लॉरेंस, कनाडा के चिकित्सक आंद्रे अनात, अमेरिका की ऊर्जा विशेषज्ञ जेनी मिलर, कनाडा के आईटी डेवलपर मैथ्यू सावोई और बेल्जियम की स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट भी शामिल रहे।
गुरु सांई मां लक्ष्मी देवी ने कहा कि हजारों वर्ष पुराना सनातन धर्म अद्भुत है और वर्तमान पीढ़ी को सही दिशा दिखाने में सक्षम है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सनातन धर्म के सिद्धांतों को आत्मसात कर जीवन में शांति और संतुलन स्थापित करें।
शक्तिधाम शिविर में हुए इस पवित्र आयोजन में श्रद्धालु 'ऊं नमः शिवाय' के मंत्रों के साथ भक्ति में लीन दिखे। महाकुंभ में सनातन धर्म की इस व्यापक स्वीकृति ने इसे वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है।