हर घर में बगीचा, हर घर में स्वास्थ्य
आज के समय में गाँवों और शहरों में नालियों को लेकर विवाद होना आम बात है.... जो कई बार थाने तक पहुंच जाते हैं.... लेकिन मेरठ के एक छोटे से गांव ने इस परेशानी का ऐसा समाधान निकाला है जो आज सबके लिए उदाहरण बनकर सामने आया है... जी हां.. सिकंदरपुर गांव में पहले नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता था, जिससे कई बार झगड़े होते थे।
और बीमारियां फैलने का भी डर बना रहता था... इसलिए इन सभी परेशानियों को खत्म करने के लिए गांव में एक पंचायत हुई... जिसमें यह निर्णय लिया गया कि अब कोई भी ग्रामवासी नाली का पानी सड़क पर नहीं बहाएगा... सभी लोग अपने-अपने घरों के बाहर बगीचा बनाकर इस पानी का उपयोग वहां करेंगे।
पंचायत के निर्णय के बाद गांव के सभी लोगों ने नालियों को हटाकर अपने घरों में खूबसूरत किचन गार्डन बना लिए .... और अब रसोई और नहाने का गंदा पानी सीधे बगीचे में जाकर पौधों को सींचता है.... बता दें, किचन गार्डन से एक ओर गांव में नालियां समाप्त हो गईं, वहीं गांव के परिवारों को अपने हाथ से उगाई गई पौष्टिक फल-सब्जियां मिल रही हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, उनके गांव में अब कोई भी फल या सब्जी बाहर से नहीं आती। सभी लोग अब अपने किचन गार्डन से ताज़ा और ऑर्गेनिक फल-सब्जियां खाते हैं। और इसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है....
वहीं इस उपलब्धि पर बात करते हुए किला परीक्षितगढ़ ब्लॉक के एडीओ पंचायत रामनरेश बताते हैं कि सिकंदरपुर, पहला ऐसा गांव बन गया है जहां नाली का पानी सड़क पर नहीं बहता, बल्कि किचन गार्डन में काम आता है. और अब इस अद्भुत मॉडल को दूसरे गांवों में भी अपनाने की तैयारी है....
सिकंदरपुर गांव आज पूरे यूपी में उदाहरण बन
गया है क्योंकि यहां के लोगों ने विवाद को एक अनूठे अवसर में बदलकर एक अनूठी मिसाल
कायम की है... जब लोग साथ मिलकर काम करते हैं, तो उसका सकारात्मक परिणाम अवश्य आता
है।