यूनेस्को ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर को अपने ‘क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क’ (यूसीसीएन) में संगीत श्रेणी में सिटी ऑफ म्यूज़िक के रूप में शामिल किया है. साथ ही, केरल के कोझिकोड शहर को सिटी ऑफ लिटरेचर के रूप में नामित किया है.
माना जाता है कि गायन की ध्रुपद शैली का आविर्भाव ग्वालियर में हुआ था और यह ‘ग्वालियर घराना’ या भारतीय शास्त्रीय संगीत विद्यालय के लिए भी प्रसिद्ध है. यूनेस्को ने मंगलवार को घोषणा की कि भारत से ग्वालियर और कोझिकोड 55 नए शहरों में शामिल हैं जो यूसीसीएन, यूनेस्को में शामिल हुए हैं.
55 शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में शामिल
विश्व शहर दिवस पर यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे अजोले द्वारा घोषणा के बाद 55 शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल हो गए. नए शहरों को उनकी विकास रणनीतियों के हिस्से के रूप में संस्कृति और रचनात्मकता का उपयोग करने और नई प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए यह सम्मान दिया गया है. अब इस नेटवर्क में सौ से अधिक देशों में 350 शहर हैं, जो सात रचनात्मक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं – शिल्प और लोक कला, डिजाइन, फिल्म, गैस्ट्रोनॉमी, साहित्य, मीडिया कला और संगीत.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनेस्को के क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में कोझिकोड को ‘साहित्य की नगरी’ और ग्वालियर को ‘संगीत की नगरी’ के रूप में शामिल किए जाने की सराहना की. कोझिकोड और ग्वालियर के लोगों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर बधाई दी.
‘कोझिकोड की समृद्ध साहित्यिक विरासत से भारत की सांस्कृतिक जीवंतता वैश्विक मंच पर और भी अधिक चमक रही है और ग्वालियर की सुरीली विरासत अब प्रतिष्ठित ‘यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क’ में शामिल हो गई है. ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है.
“ग्वालियर और संगीत का बहुत खास रिश्ता है. UNESCO से इसे सबसे बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है. ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है. मेरी कामना है कि इस शहर की संगीत परंपरा और उसे लेकर लोगों का उत्साह और बढ़े, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलती रहे.”