जिहादी मुस्लमानों का एक और घिनौना चेहरा उस समय सामने आया जब उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद और मजार हटाने गई नगर निगम और पुलिस की टीम को मुस्लिम शांति दूतों द्वारा प्रायोजित भारी हिंसा का सामना करना पड़ा । स्वयं को शांति दूत कहने वाले हजारों की संख्या में आए जिहादियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव भी किया। यह हिंसा कितनी प्रायोजित थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि शांतिदूतों के हमले में सौ से अधिक पुलिस वाले घायल हो गए।
इस हमले की विशेष बात यह है कि इसमें बड़ी संख्या में जिहादी मुस्लिम महिलाएं भी शामिल थी जो जिहादियों के आगे शील्ड बनकर खड़ी थी और पुलिसकर्मियों पर पथराव कर रही थी। आपको बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में नगर निगम ने जेसीबी मशीन लगाकर अवैध मदरसा और नमाज स्थल को ध्वस्त कर दिया। प्रशासनिक कार्रवाई से नाराज जिहादी मुस्लिमों की भीड़ ने वहां कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और जेसीबी को भी तोड़ दिया। कहा तो यह भी जा रहा है कि जिहादियों ने अवैध हथियारों से पुलिस बल पर फायरिंग भी की।
सच तो यह है कि जिहादियों की यह पहली करतूत नहीं है बल्कि देश के अलग अलग भागो में जिहादी गजवा ए हिन्द को अंजाम देने के लिए समय समय पर ऐसी करतूतों को अंजाम देते रहते हैं। स्थित तब और भयंकर हो जाती है जब राजनीतिक दल वोट के लिए ऐसे जिहादियों को समर्थन देना शुरु कर देते हैं। सवाल यह है कि स्वयं को शांति दूत कहने वाले ऐसे जिहादियों की मानसिकता का इलाज क्या है।