नई दिल्ली. उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा को गंभीरता से लेते हुए विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि देवभूमि में आतंक को सहन नहीं किया जा सकता. माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना व स्थानीय प्रशासन के कार्यों में बाधा पहुंचाते हुए ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों के साथ थाने को घेर कर किये गए जानलेवा हमलों से सम्पूर्ण देश स्तब्ध है. अब समय आ गया है कि इन देश विरोधी हिंसक जिहादियों व उनके पैरोकारों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो, जिससे इनकी भावी पीढ़ी भी हिंसा, उपद्रव या किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़ के बारे में ना सोचे.
विहिप महामंत्री ने घटना में जीवन गँवाने वाले निर्दोष लोगों के प्रति अपनी संवेदना तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि विश्व हिन्दू परिषद उन सभी पुलिसकर्मियों व प्रशासन के लोगों के साथ खड़ा है जो हिंसा का शिकार हुए. यदि आवश्यकता हुई तो विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ता घायलों के लिए रक्तदान भी करेंगे. मामले में सरकारी कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि घटना में शामिल कट्टरपंथियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की.
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी हिंसा में विदेशी घुसपैठियों के शामिल होने की खबरों की पुष्टि कर उन्हें शीघ्र सीमा पार करना चाहिए. कुछ विदेशी मीडिया तथा मुस्लिम समुदाय के कुछ भड़काऊ नेता भी ऐसी हिंसक घटनाओं के बारे में दुष्प्रचार कर अपराधी तत्वों को कवर देने तथा भारत की छवि धूमिल करने में जुटे हैं. इनके विरुद्ध भी यथोचित कार्यवाही अपेक्षित है. हिंसा में शामिल लोग कौन थे, कहाँ से आए, उन्हें कौन-कौन उकसा रहे थे और कौन भ्रामक प्रचार कर हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे, उन सभी की पहचान कर सबक सिखाना जरूरी है.
परांडे ने मुस्लिम समुदाय को अपने भड़काऊ नेतृत्व से सावधान रह कर, समय रहते उससे किनारा करने की अपील की. उन्होंने कहा कि जिहादियों की पैरोकारी करने वाला मुस्लिम नेतृत्व, उनके समाज को आत्मघाती रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रहा है, जिससे सावधान रहना होगा. हमारा संकल्प है कि देवभूमि उत्तराखंड को किसी भी कीमत पर, हम दैत्यभूमि नहीं बनने देंगे.