प्रयागराज. जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य जी ने कहा कि हिन्दू समाज स्वयं आगे आकर धर्मांतरण का विरोध करे, गौ हत्या बंद हो इसके लिए पूज्य संतों को आगे आना चाहिए. पूरी दुनिया में शांति के लिए इस राष्ट्र की पहचान है वो हिन्दू धर्म के कारण है. हमारा धर्म और संस्कृति संरक्षित और संवर्धित हो, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए. वे प्रयागराज में विश्व हिन्दू परिषद माघ मेला शिविर में हिन्दू समाज के रीति रिवाज परंपराओं, मान्यताओं, देवी-देवताओं, आस्था से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शक मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. मार्गदर्शक मंडल की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बननी चाहिए, जिसका मार्गदर्शन सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक स्तर पर हो. हिन्दू समाज सशक्त हो, सभी जाति, मत-पंथ-संप्रदाय की एकता ही हिन्दू समाज की एकता है.
डॉ. रामकमल दास वेदांती जी ने कहा कि समान नागरिक आचार संहिता ही हिन्दू समाज पर हो रहे हमले को रोकने में एक सशक्त कदम होगा. देश में एक समान विधान हो, हमारी सरकार को इसका चिंतन करना चाहिए. जिससे समाज में संतुलन बना रहेगा. बैठक में वैदेही वल्लभदेवाचार्य जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों, वनवासी क्षेत्रों में हम संतों को निकलकर प्रवास करना चाहिए. हिन्दू संस्कृति और धर्म की मुख्यधारा से जो हटे हैं, जो समाज से हटा है, उसे मुख्यधारा में लाने का कार्य हम संतों को करना है. जब-जब हिन्दू धर्म और इस राष्ट्र पर किसी प्रकार का आक्रमण हुआ है तो पूज्य संत ही आगे आए हैं. हिन्दू समाज हमको श्रद्धा और आस्था के भाव से देखता है. इसलिए हमको आगे आना चाहिए और समाज में जागरण का कार्य करना चाहिए.
पूज्य संतोष दास सतुआ बाबा जी ने कहा कि हमारे जनजाति समाज पर लगातार हमले हो रहे हैं. हिन्दू समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है. हमें जात के नाम पर बांटने का बहुत बड़ा खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है. हमारे असहाय निरीह बंधुओं को लालच देकर धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा है. इसलिए हम संत समाज से यह आग्रह करते हैं कि वह समाज में जाकर इस घिनौने कुचक्र को समझाएं. सामाजिक समरसता के अनेक कार्यक्रम पूज्य संतों द्वारा आयोजित किए जाएं, समरसता मूलक कार्यक्रमों के आयोजन हों. जिसमें सभी जाति मत पंथ संप्रदाय संपूर्ण हिन्दू समाज की एकता का प्रदर्शन हो.
कृष्ण आचार्य जी ने कहा कि आज हिन्दू समाज में बाल संस्कार के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने जो योजना बनाई है, उस पर संत समाज पूरा सहयोग करेगा और संत समाज भी हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल करेगा. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय जी ने कहा कि आज हिन्दू समाज पर अनेक प्रकार से आक्रमण हो रहे हैं जो कहीं अशांति की ओर ले जाने का प्रयास है. हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न ली जाए. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है. श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन इन्हीं पूज्य संतों के मार्गदर्शन पर हुआ. पूज्य संतों के मार्गदर्शन से ही आज पूरी दुनिया में हिन्दू संस्कृति एवं हिन्दू धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोच्च है, जो पूज्य संत लगातार हिन्दू समाज को संगठित और संस्कार युक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं. यह वही पुण्यभूमि है, जहां पर लिया गया संकल्प पूर्ण होता है.
डॉ. नरसिंह दास जी ने कहा इस राष्ट्र की संस्कृति इतनी महान है कि हमारे महापुरुष हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं. हम आगे आने वाली पीढ़ियों में केवल अपनी संस्कृति का ज्ञान और महापुरुषों के इतिहास का ज्ञान करवाते रहें, यह कार्य हम संतो को करना है. हिन्दू समाज की रक्षा के लिए हमें अपने इस जीवन को लगा देना चाहिए. विश्व हिन्दू परिषद का कार्य ईश्वरीय है, इसलिए इस पुण्य भूमि पर हम लोग एकत्रित होकर जो संकल्प लेते हैं, वह अब तक पूरा होता आया है.