देश के प्रमुख सामाजिक सेवा संगठन संत ईश्वर फाउंडेशन, राष्ट्रीय
सेवा भारती व अशोक सिंघल फाउंडेशन की ओर से दो अक्तूबर को आयोजित प्रतिष्ठित संत
ईश्वर सम्मान समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन “इसरो’ को विशेष सम्मान
दिया गया
पुरस्कार
विजेताओं को समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय
राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी
के सदस्य भय्याजी जोशी ने सम्मानित किया। इस वर्ष ”संत ईश्वर विशेष सम्मान” भारतीय
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को प्रदान किया गया।
वहीं, जनजातीय क्षेत्र में रूरल एजुकेशन एंड
डेवलपमेंट सोसाइटी, जशपुर छत्तीसगढ़ को विशिष्ट सेवा सम्मान),
आदिवासी जनजातीय बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक,
मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्तर को सुधारने
में कृत संकल्प देशज प्रतिष्ठा को संत ईश्वर सेवा सम्मान, धनुर्विद्या
में पारंगत, गुरु शिष्य परंपरा के संवाहक के. गोविंदन वापनाड,
केरल व बिनिता जिंगडुंग दीमापुर, नागालैंड को
संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
संत
ईश्वर फाउंडेशन की स्थापना 2002 में की गई थी, जिसके तहत आठ वर्ष पहले संत ईश्वर सम्मान की शुरुआत की गई थी. पिछले 8
वर्षों के दौरान में भारत के 30 राज्यों के 118
सेवा साधकों को सम्मानित किया गया है. इनमें से छह सेवा साधकों को
भारत सरकार की ओर से पद्म सम्मान प्रदान किया गया.
संत
ईश्वर सम्मान मुख्यतः चार क्षेत्रों- जनजातीय, ग्रामीण विकास,
महिला-बाल विकास के साथ कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष
योगदान देने पर व्यक्तिगत या संस्थागत रूप से प्रदान किया जाता है. इन चार
क्षेत्रों में सम्मानित व्यक्ति या संस्थाओं को एक विशेष सेवा सम्मान, चार विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान दिया
जाता है. विशेष सेवा सम्मान में शॉल- पांच लाख राशि, चार
विशिष्ट सेवा सम्मान में शॉल-एक लाख राशि और सेवा सम्मान में सभी विजेताओं को शॉल-
राशि सहित ट्रॉफी, प्रमाण पत्र व प्रतीक मुद्रा सहित
प्रत्येक वर्ष कुल 32 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की
जाती है.
चंद्रयान-3 व
आदित्य एल1 की सफलता ने भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा के
चलते भारतीयों का सम्मान पूरे विश्व में बढ़ाया है. भारत के वैज्ञानिकों के देश के
प्रति योगदान को देखते हुए इस वर्ष निर्णायक मंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
संगठन “इसरो’ बेंगलुरू, कर्नाटक को संत ईश्वर विशेष सेवा
सम्मान के लिए चुना है.
कार्यक्रम
के दौरान सुनील अर्जुन राव शिंदे जलना जिन्होंने महाराष्ट्र ने 2000 से
अधिक किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कृषि उपकरणों का आविष्कार व निर्माण
किया है जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। उन्हें इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में विशेष
योगदान के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। ग्रामीण क्षेत्र के ही
रामचरण लोधा गुराड़ी, राजस्थान, पातालचंडी
कल्याण समिति, पश्चिम बंगाल व गोपाल डोंडिया उज्जैन, मध्य प्रदेश को जल संरक्षण व वृक्षारोपण कार्य के लिए संत ईश्वर सेवा
सम्मान दिया गया।
महिला
एवं बाल विकास क्षेत्र से भानुप्रिया भट्ट जोधपुर, राजस्थान जो विगत
कई वर्षों से केवल एक रुपये प्रति माह की दर से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का
कार्य कर रही है को संत ईश्वर विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
अर्चना
शर्मा मध्य प्रदेश, भोपाल को पराधी खानाबदोश जनजाति के बच्चों के
भविष्य को संवारने के कार्य के लिए एवं आचार्या डॉक्टर सुमेधा, अमरोहा, उत्तर प्रदेश विगत तीन दशकों से भी अधिक समय
से निर्धन परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा के लिए कार्यरत हैं को भी संत ईश्वर
सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
तेजस्विनी
सेवा प्रतिष्ठान, बिलासपुर छत्तीसगढ़ की कुष्ठ रोग से पीड़ित
बालिकाओं के स्वास्थ्य के लिए प्रयासरत संस्थान को संत ईश्वर सेवा सम्मान से
सम्मानित किया गया।
विशेष
योगदान क्षेत्र में सुमित कुमार तुरहपाड़ी बिहार से ऐसे बच्चों के लिए कार्यरत हैं
जो शमशान घाट पर आने वाले पार्थिव देहों से कपड़े, पैसे, फल इत्यादि लूटने का काम करते हैं। उनकी शिक्षा दीक्षा और भविष्य की चिंता
करने वाले सुमित कुमार को विशेष योगदान लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान दिया गया।
द
अर्थ सेवियर्स फाऊंडेशन गुरुग्राम, हरियाणा के रवि कालरा अब तक 1000
से अधिक वरिष्ठ नागरिकों एवं मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की
देखभाल का कार्य कर रहे हैं, को वर्ष 2023 के संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया गया। देशभर में पौधरोपण को बढ़ावा
देने, साइकिल यात्रा द्वारा कुल 18000 किलोमीटर,
28 राज्यों को कवर करने वाले एवं दो लाख से अधिक पेड़ लगाने वाले
सुंदरम तिवारी प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश को संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया
गया।