कानपुर में बनेगा आईटी हब, रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी को मिलेगा बढ़ावा
- - इस परियोजना से नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे
- - में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग मंत्री जितिन प्रसाद और प्रदेश के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार जल्द ही कानपुर का दौरा करेंगे
कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। गोरखपुर और वाराणसी के साथ अब कानपुर में भी आईटी हब स्थापित किया जाएगा, जहाँ खासतौर पर रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी पर फोकस किया जाएगा। इस परियोजना से नए स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
इस संबंध में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग मंत्री जितिन प्रसाद और प्रदेश के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार जल्द ही कानपुर का दौरा करेंगे। सरकार का उद्देश्य आईटी हब के जरिए युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण देना और ड्रोन एवं रोबोटिक्स क्षेत्र में कानपुर को अग्रणी बनाना है।
आईटी हब के लिए जमीन की तलाश जारी-
करीब 15 साल पहले कानपुर में स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) बनाए जाने की योजना बनी थी, जिसके लिए आईआईटी कानपुर के पास शिवली क्षेत्र में जमीन भी चिह्नित की गई थी। हालांकि, यह प्रोजेक्ट किसी कारणवश आगे नहीं बढ़ पाया। अब चर्चा है कि यदि यह जमीन आईटी हब के लिए उपयुक्त होगी तो इसे इस परियोजना के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, सरकार यूपीसीडा (UP State Industrial Development Authority) और केडीए (Kanpur Development Authority) के माध्यम से अन्य संभावित स्थानों पर भी विचार कर रही है।
आईआईटी और एचबीटीयू के विशेषज्ञों की अहम भूमिका-
आईटी हब परियोजना को साकार करने के लिए आईआईटी कानपुर और एचबीटीयू के विशेषज्ञों के साथ बैठक की जाएगी। इस बैठक में भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल, आईआईटी के प्रो. सौम्य रंजन साहू, प्रो. प्रबोध बाजपेई, प्रो. विपुल अरोरा और डीन प्रो. अमेय करकरे शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ ड्रोन और रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी के विकास के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेंगे।
स्टार्टअप्स और मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मिलेगा बढ़ावा-
सरकार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने की भी योजना बना रही है, जिससे स्टार्टअप्स को नई तकनीकों पर काम करने का अवसर मिलेगा। हाल ही में लखनऊ में हुई बैठक में आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाए जाएंगे।
आईटी हब से क्या होगा फायदा?
- नए स्टार्टअप्स को सपोर्ट: आईटी हब में ड्रोन और रोबोटिक्स पर रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार के अवसर: हब में आईटी कंपनियों और स्टार्टअप्स के आने से नई नौकरियाँ पैदा होंगी।
- रक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग: ड्रोन और रोबोटिक्स के निर्माण में कानपुर की भूमिका रक्षा और औद्योगिक क्षेत्र में अहम होगी।
- स्थानीय उद्योगों को मजबूती: रोबोटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए जरूरी कलपुर्जों के निर्माण में नई कंपनियों का उदय होगा।
आईआईए (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने कहा, "आईटी हब कानपुर के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। इससे रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों में योगदान मिलेगा और स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी।"
आईटी हब की स्थापना से कानपुर टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का नया केंद्र बनेगा। सरकार, औद्योगिक संगठनों और शिक्षाविदों की संयुक्त भागीदारी से शहर को एक बड़े तकनीकी और औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा। आने वाले समय में कानपुर ड्रोन, रोबोटिक्स और स्टार्टअप इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।