मिर्जापुर। जिले की पुलिस ने 175 साल पुरानी और 30 करोड़ रुपये मूल्य की अष्टधातु की तीन मूर्तियों की चोरी का मामला सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए चोरी की गई मूर्तियां बरामद कीं और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। हैरानी की बात यह है कि चोरी की जानकारी देने वाला आश्रम का प्रमुख बंसी बाबा ही इस साजिश का मास्टरमाइंड निकला।
14 जनवरी को हुई थी मूर्तियों की चोरी -
मामला मिर्जापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र स्थित श्री राम जानकी मंदिर का है। 14 जनवरी को मंदिर से अष्टधातु की तीन बहुमूल्य मूर्तियां चोरी हो गईं। इस घटना की शिकायत आश्रम के प्रमुख बंसी बाबा ने पुलिस में दर्ज कराई थी।
पुलिस जांच में खुला राज -
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एसओजी टीम को जांच में लगाया। छानबीन के दौरान कई अहम सुराग सामने आए, जिससे पता चला कि चोरी की साजिश आश्रम के प्रमुख बंसी बाबा ने ही रची थी। इसके बाद पुलिस ने बंसी बाबा समेत तीन अन्य आरोपियों— लव कुश पाल, मुकेश कुमार सोनी, और राम बहादुर पाल— को गिरफ्तार कर लिया।
मूर्तियां बरामद, आरोपियों से पूछताछ जारी -
गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने चोरी की गई तीनों मूर्तियां भी बरामद कर ली हैं। इन मूर्तियों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के साथ बाजार में 30 करोड़ रुपये की कीमत आंकी गई है।
एसपी ने किया खुलासा -
इस बड़े खुलासे की जानकारी *एसपी ऑपरेशन ओपी सिंह* ने पुलिस लाइन सभागार में एक प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने बताया कि बंसी बाबा मंदिर की देखरेख करता था और उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर चोरी की योजना बनाई। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
175 साल पुरानी मूर्तियों का महत्व -
चोरी की गई अष्टधातु की तीन मूर्तियां 175 साल पुरानी हैं और इनका धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व है। मूर्तियों की चोरी से इलाके में काफी आक्रोश था, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने मूर्तियों को सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस की सराहना -
पुलिस की इस सफलता की क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। एसओजी टीम की सक्रियता और कुशल जांच के कारण इस हाई-प्रोफाइल चोरी का खुलासा संभव हो पाया।