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सोशल मीडिया के दौर में नागरिक पत्रकारिता का महत्व बढ़ा – अनिल कुमार

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सोशल मीडिया के दौर में नागरिक पत्रकारिता का महत्व बढ़ा – अनिल कुमार

  • - कोरोना काल ने पत्रकारिता के स्वरुप को बिल्कुल बदल दिया है। कोरोना काल में व्यक्ति के अंदर छिपा हुआ पत्रकार जागा है, कोरोना काल में जरुरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम भी बना
  • - अनिल कुमार ने कहा कि नागरिक पत्रकारिता एक गंभीर विषय है। पहले पत्रकारिता के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता था कि जिसमें नकारात्मकता है, वही न्यूज है। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। न्यूज में भी सकारात्मकता बढ़ रही है

जींद, । सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार ने शुक्रवार को चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में विश्व संवाद केंद्र हरियाणा व विश्वविद्यालय के आउटरीच विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय नागरिक पत्रकारिता कार्यशाला में कहा कि पहले पत्रकारिता का दायरा काफी सीमित था। समाचार प्रकाशन का अधिकार कुछ ही लोगों के हाथों में था। लेकिन सोशल मीडिया के दौर ने आज प्रत्येक व्यक्ति को पत्रकार बना दिया है। जिस व्यक्ति के हाथ में एंड्रायड फोन है, वही पत्रकार है। इससे नागरिक पत्रकारिता का महत्व बहुत बढ़ा है। कोरोना काल ने पत्रकारिता के स्वरुप को बिल्कुल बदल दिया है। कोरोना काल में व्यक्ति के अंदर छिपा हुआ पत्रकार जागा है, कोरोना काल में जरुरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम भी बना। नागरिक पत्रकारिता में आम आदमी की सहभागिता कैसे बढ़े, इस क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत ढांडा ने शिरकत की। कार्यक्रम में विशेष अतिथि विश्व संवाद केंद्र हरियाणा के सचिव राजेश कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन ने की।

अनिल कुमार ने कहा कि नागरिक पत्रकारिता एक गंभीर विषय है। पहले पत्रकारिता के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता था कि जिसमें नकारात्मकता है, वही न्यूज है। लेकिन अब यह सोच बदल रही है। न्यूज में भी सकारात्मकता बढ़ रही है। पत्रकारिता में सकारात्मकता कैसे आए विश्व संवाद केंद्र इसके लिए साधना कर रहा है। किस तरह के समाचार समाज तक जाने चाहिएं, एक नागरिक पत्रकार को इस दिशा में चिंतन करना होगा। सोशल मीडिया के दौर में विजुअल कन्टेंट का महत्व बढ़ा है। अपने आस-पास घट रही सकारात्मक घटनाओं को हम विजुअल के माध्यम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकते हैं।

प्रशांत ढांडा ने कहा कि नागरिक पत्रकारिता ने जर्नलिज्म के नए आयाम को छुआ है। डेटा के प्रयोग में भारत ने चाइना व अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। आज नागरिक पत्रकारिता इसलिए भी जरुरी है कि नागरिक पत्रकारिता लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम करती है।

कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन ने कहा कि सोशल मीडिया के आने के बाद पत्रकारिता एक कदम आगे बढ़ गई है। इसलिए हमें नई तकनीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। नई तकनीक की जानकारी होने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए समय-समय पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन आवश्यक है।