नई दिल्ली. भारत और ईरान ने चाबहार में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के संचालन के लिए दीर्घावधि समझौते पर हस्ताक्षर किये. इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मेरीटाइम आर्गेनाइजेशन के मध्य हुए समझौते के अवसर पर केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल उपस्थित रहे.
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इस समझौते के साथ ही चाबहार में भारत की दीर्घकालिक भागीदारी की नींव रखी गई है. अनुबंध पर हस्ताक्षर से चाबहार बंदरगाह की व्यवहार्यता और दृश्यता पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा. चाबहार न केवल भारत का निकटतम ईरानी बंदरगाह है, बल्कि समुद्री दृष्टि से भी यह एक उत्कृष्ट बंदरगाह है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह समझौता द्विपक्षीय साझेदारी में एक नया अध्याय लिखेगा. यह अनुबंध क्षेत्रीय सम्पर्क और अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरेशिया के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देगा.
भारत को ओमान की खाड़ी के साथ ईरान के तट पर स्थित चाबहार बंदरगाह को लंबे समय के लिए पट्टे पर लेने में सक्षम बनाएगा. यह ईरान के माध्यम से दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच एक नया व्यापार मार्ग भी खोलेगा. इससे पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाहों पर परिवहन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह समझौता बड़े निवेश का मार्ग प्रशस्त करेगा और भारत को मध्य एशिया से जोड़ेगा.
मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह समझौता एक रणनीतिक कदम है और यह कराची के साथ-साथ पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाहों को दरकिनार करते हुए ईरान के माध्यम से दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के बीच एक नया व्यापार मार्ग खोलेगा.
यह व्यापारिक समुदायों के लिए संवेदनशील और व्यस्त फारस की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से वैकल्पिक मार्ग तलाशने के लिए अवसरों का एक नया द्वार खोलेगा.