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भारत का आविष्‍कार, घातक तत्वों की अब होगी पहचान

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देहरादून, उत्तराखण्ड

देश की सुरक्षा क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए DRDO की ग्वालियर लैब ने पहली स्वदेशी सीबीआरएन सैंपल कलेक्शन किट विकसित की है, जी हां यह किट खतरनाक रासायनिक, जैविक और रेडियोधर्मी तत्वों की पहचान करने में सक्षम है। जानकारी के अनुसार देहरादून के ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय में हुए वैश्विक आपदा प्रबंधन सम्मेलन में प्रदर्शित इस किट में 77 विशेष उपकरण शामिल हैं, जो तरल, ठोस, पाउडर, वाष्प और मिट्टी से नमूने सुरक्षित तरीके से एकत्र कर सकते हैं। इसके लीक-प्रूफ कंटेनर नमूनों को बिना खतरे के लैब तक पहुंचाते हैं और टैगिंग, ट्रैकिंग और फॉरेंसिक जांच को आसान बनाते हैं। यह किट केवल 32 किलोग्राम की है, जबकि विदेशी किट 42 से 264 किलोग्राम तक होती हैं, इसलिए यह फील्ड में ले जाने और दूरस्थ इलाकों में उपयोग के लिए बेहद सुविधाजनक है। वही इस किट के आने से आपदा प्रबंधन में बड़ा बदलाव होगा, क्योंकि यह रासायनिक तत्वों की मिनटों में और जैविक तत्वों की तेजी से पहचान कर लेती है, जिससे किसी भी बीमारी या विषैले पदार्थ के फैलने से पहले ही नियंत्रण पाया जा सकता है।