लखनऊ, उत्तर प्रदेश
KGMU में स्वदेशी निर्मित रोबोट से सर्जरी
शुरू हो गई है. चिकित्सकों ने इसके जरिए तीन मरीजों के घुटने का सफल प्रत्यारोपण
किया है. प्रत्यारोपण के बाद तीनों मरीज स्वस्थ हैं. यह रोबोटिक सर्जरी आयुष्मान
योजना के तहत की गई है. संस्थान प्रशासन का दावा है कि केजीएमयू के साथ ही प्रदेश
में किसी भी सरकारी संस्थान में पहली बार रोबोट के माध्यम से घुटने प्रत्यारोपित
किए गए हैं.
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में तीन बुज़ुर्ग मरीजों का ऑपरेशन स्वदेशी रोबोट ने किया। बुजुर्गों का एक साथ घुटना प्रत्यारोपण किया गया । यह कोई आम सर्जरी नहीं, अपितु आधुनिक चिकित्सा में भारत की एक बड़ी छलांग है। इस तकनीक से जहाँ इलाज की सफलता और सटीकता बढ़ी, वहीं यह भी स्पष्ट हो गया कि अब भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस स्वदेशी रोबोटिक तकनीक ने मरीजों की तेज रिकवरी भी हो रही है । जिन बुजुर्गों को चलने-फिरने में वर्षों से कठिनाई थी, अब वे फिर से अपने पैरों पर खड़े हो पा रहे हैं और यह सब संभव हुआ भारत की अपनी स्वदेशी तकनीक से। सबसे बड़ी बात ये रही कि यह ऑपरेशन पूरी तरह देश में ही तैयार संसाधनों और मशीन से हुआ। यह चिकित्सा नहीं, एक संदेश है कि भारत अब चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। अब हर भारतीय ‘मेड इन इंडिया’ पर गर्व कर रहा है। यह स्वदेशी विज्ञान की ताकत है, यह भारत के मस्तिष्क, साधन और सेवा का मेल है।