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77 वर्षो बाद आई बिजली, गांव में मना जश्न

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बागेश्वर, उत्तराखण्ड

वाछम गांव का जातोली तोक बिजली से रोशन हो गया है। बिजली पहुंचने पर गांव में उत्सव जैसा माहौल रहा। लोगों ने पहले खंभे को टीका लगाया। इसके बाद बल्ब जलाया।

भारत ने स्वाधीनता के 77 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और इन वर्षों में देश ने कई क्षेत्रों में अद्भुत प्रगति की है और इसी प्रगति में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के वाछम गांव का नाम भी जुड़ चुका है। जी हां मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर का वाछम गांव का जातोली तोक बिजली की असुविधा के कारण यहां के लोगो को समस्या का सामना करना पड़ रहा था लेकिन सरकार की ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण अब इस गांव में बिजली पहुँच चुकी है।  जिससे गांव रोशनी से जगमगा उठा, वहीं ग्रामीणों के चेहरों पर भी नई ऊर्जा और उत्साह साफ दिखाई दिया। वर्षों से सोलर लैंप के सहारे जीने वाले लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है। इस ऐतिहासिक पल को ग्रामीणों ने उत्सव की तरह मनाया, पहले गांव के लोगो ने खंभे की पूजा की और उसके बाद अपने अपने घरो में बल्ब जलाया। 

बता दें बागेश्वर जिले के जातोली तोक गांव में 36 परिवार रहते है करीब 2 साल पहले वाछम गांव को पहली बार बिजली से जोड़ा गया था जिसके कारण गांव के लोगो मे जल्दी लाभ मिलने की उम्मीद जगी... वहीं अब जाकर तोक मे पहली बार बिजली सप्लाई चालू की गई जिस पर ग्रामीणों ने बिजली का अनोखे अंदाज से स्वागत किया। गांव की निवर्तमान ग्राम प्रधान मालती देवी ने कहा कि उनके कार्यकाल में पूरे गांव का बिजली से जुड़ना उनके लिए एक विशेष उपलब्धि है जिससे गांव के सभी लोग बेहद खुश है। 

Electricity reached Jantoli of Kapkot for the first time

बताते चलें वाछम से जातोली के लिए 62.18 लाख रुपये की लागत से 4.5 किमी हाईटेंशन और 1.5 किमी लंबी लो टेंशन लाइन डाली गई है जिसके लिए 25 केवी का ट्रांसफार्मर गांव में लगाया गया है । यह घटना न केवल सरकारी प्रयासों की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब जनप्रतिनिधि, प्रशासन और जनता एकजुट होकर काम करते हैं, तो सबसे कठिन रास्तों में भी उजाला पहुंचाया जा सकता है।